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रीवा

मेडिकल कालेज में 1968 बैच के डॉक्टर मिले तो डांस करने लगे 80 साल के पुराछात्र

मेडिकल कालेज के एनॉटामी हाल में 1668 बैच के पुराछात्रों ने सहपाठियों के साथ पुरानें यादें की ताजा, गोल्लडन जुबली कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से पहुंचे पुराछात्र, समारोह में सेवानिवृत्त शिक्षकों और पुराछात्रों को किया गया सम्मानित
 

रीवाDec 18, 2018 / 12:53 pm

Rajesh Patel

Medical College, 1668 Batch Pachchatra, fresh with old memories of classmates

Medical College, 1668 Batch Pachchatra, fresh with old memories of classmates

रीवा. श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में 1968 बैच के पुराछात्रों का दो दिवसीय गोल्डन जुबली कार्यक्रम आयोजित किया गया। गोल्डन जुबली में देश के कोने-कोने से शामिल होने पहुंचे पुराछात्रों ने सहपाठियों के साथ ही प्रोफेसरों और छात्रों के बीच की पुरानी यादें ताजा की। मेडिकल कालेज के एनॉटामी हाल में आयोजित गोल्डन जुबली कार्यक्रम में डॉक्टर मिले तो कई पुराछात्र नृत्य करने करने लगे। मेडिकल कालेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसरों और पुरछात्रों को शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
गोल्डन जुबली में जाता हुईं वर्षों पुरानी यादें
गोल्डन जुबली समारोह राविवार को प्रारंभ हुआ। पहले दिन पुराछात्र कालेज के साथ ही आस-पास एरिया में भ्रमण कर वर्षों पुरानी यादों को ताजा किया। समापन अवसर पर मेडिकल कालेज के डीन डॉ. पीसी द्विवेदी ने मेडिकल कालेज के इम्प्रूवमेंट की चर्चा करते हुए शिक्षक और छात्रों के बीच संस्कार की चर्चा की।
दोबारा जन्म हो तो रीवा मेडिकल कालेज में हो पढ़ाई
पुराछात्र के रूप में चित्रकूट से आए आई सर्जन डॉ. बीके जैन को मेडिकल कालेज के डीन डॉ. पीसी द्विचेदी, एसजीएमएच के अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार, डॉ. एचपी सिंह ने संयुक्तरूप से जैसे ही सम्मानित किया गया कि डॉ. जैन प्रफुल्लिल होकर बोले-आप लोगों ने स्वर्ग देखा है, जवाब आया नहीं…। उन्होंने कहा, मैने स्वर्ग देखा है। उन्होंने ५० साल की पुराने यादें ताजा करते हुए कहा अगर ईश्वर मुझे फिर से जन्म देता है तो सतना में मेरा जन्म, रीवा मेडिकल कालेज में मेरी पढ़ाई हो और चित्रकूट मेरी कर्मभूमी हो। उन्होंने कहा, इस मेडिकल कालेज ने न केवल हमें डॉक्टर बनाया है बल्कि हमें संस्कार और संस्किृति दी।
मैं रीवा की बेटी हूं…
लुधियाना से आयीं डॉ. ऊषा सच्चर ने कहा, मैं रीवा की बेटी हूं, रीवा में ही पढ़ी हूं, हमेशा रीवा से लगाव रहेगा। संचालन कर रहे पुराछात्र एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सीबी शुक्ला ने बारी-बारी से पुराछत्रों की ५० साल पुरानी कहानी का जिक्र कर यादें ताजा करने के साथ ही पुराछात्रों को बारी-बारी से मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। देहरादून से आयी डॉ. अन्नू सहगल ने माइक पर पुरानी बातें शेयर करते हुए कहा कि इस मेडिकल कालेज ने इंसानियत के लिए सबकुछ दिया, जिसे शब्दों से नहीं कहा जा सकता है।
सेवानिवृत्त प्रोफेसरों का श्रीफल-साल देकर किया सम्मान
मेडिकल कालेज के एनाटामी हाल में आयोजित 1968 बैच के छात्रों के गोल्डन जुबली कार्यक्रम में पुराछात्रों ने डॉ. एसके खनीजो, डॉ. सत्या खनीजो, डॉ. एके तिवारी , डॉ. बीपी गर्ग, डॉ. गीता बनर्जी, डॉ. एमएल गुलाटी, डॉ. बीएस चावला, डॉ. एससी जैन, डॉ. एचपी सिंह और अन्य प्रोफेसरों को शाल और श्रीफल देकर सम्मानिक किया।
अच्छे काम के लिए किया सम्मानित
गोल्डन जुबली के दौरान समापन अवसर पर पुराछात्रों ने संजय गांधी अस्पताल की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति ङ्क्षसह, डॉ. अनिल श्रीवास्तव, डॉ. दीपक कपूर, डॉ. एचके पांडेय, डॉ. शशीजैन, डॉ. एसके पाठक, डॉ. यत्नेश त्रिपाठी, डॉ. लोकेश त्रिपाठी आदि को अच्छे काम के लिए सम्मानित किया गया।
आकर्षण का केन्द्र रही थ्रीडी रंगोली
मेडिकल कालेज के मुख्य गेट पर पुराछात्रों के स्वागत के लिए मेडिकल कालेज के थ्रीडी रंगोली बनाई गई थी। रंगोली में गणेश जी की प्रतिमा को उकेरी गई थी। डॉ. मुकेश, डॉ. मनीश सहित अन्य के सहयोग से थ्रीडी रंगाली बनायी। कार्यक्रम के दौरान रंगोली बनाने वाले डॉक्टरों को सम्मानित किया गया।
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