रीवा

MP election 2018: दो राज्यों की सीमा पर जल-जंगल और जमीन पर संकट

मऊगंज विधानसभा के पूर्वी और दक्षिणी छोर में अवैध माइनिंग से मुसीबत

रीवाNov 20, 2018 / 12:56 pm

Rajesh Patel

MP election 2018: Water and forest crisis in the Muganj assembly area

रीवा. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे मऊगंज विधानसभा की राजनीति में अलग पहचान है। इस सीट पर 1952 से लेकर 2018 तक कई बार सियासी रंग बदले। इस क्षेत्र की जनता का मुद्दा मऊगंज को जिला बनाओं के साथ जल, जंगल और जमीन बचाने का रहा। राजनीति के आंकड़े पर नजर डाले तो इस सीट के लोगों ने हमेशा समाजसेवा करने वाले को ही अपना मुखिया चुना। पिछले दस साल से सीमावर्ती क्षेत्र के जमीन की खंडहर हो रही है। आदिवासियों की मांगे आज भी हांसिए पर हैं। किसानों के खेत में सूखे पड़े हैं। ज्यादातर नेता सत्ता के विपरीति रहे इस कारण भी विकास को लेकर हमेशा उपेक्षित रहा। वर्ष 2008 से जिला बनाओ सबका मुद्दा है। दलित-आदिवासी भी पट्टे की जमीन को लेकर आंदोलित हैं।
खदानों में विस्फोट हो रहा उधर मत जाइए
जिला मुख्यालय से 90 किमी दूर स्थित हनुमना बाजार में चुनावी शोर जोरों पर है। पूर्वी छोर में करीब 24 किमी दूर एरिया के दर्जनभर गांवों में अवैध खदानें चल रही हैं। कुड़वा जल प्रपात खंडहर में तलब्दील हो गया है। हाटा मंदिर के पास शिवभजन आदिवासी बैठे थे। जैसे ही लोढ़ी जाने का रास्ता पूछा तो शिवभजन से बोले, उधर, मत जाइए, इस समय खदानों में विस्फोट हो रहा होगा। पूछने पर बताया उत्तर प्रदेश की सीमा पर पहाड़ी एरिया में खदानें चल रही हैं। पूरी जमीन खंडहर हो गई है। जंगल काटे जा रहे हैं। लोढ़ी क्षेत्र के कई आदिवासी जमीन के पट्टा को लेकर अफसरों को कोस रहे हैं।
बाणसागर का पानी जा रहा यूपी
इसी तरह हनुमना से सीधी रोड पर अदवा नदी के पुल पर पहुंचे। यहां पर जडक़ुड, पिपराही, अहमट, सुनहाई आदि गांवों के लोग साइकिल से बाजार जा रहे थे। पूछने पर बताया कि अदवा नदी का पानी यूपी जा रहा है। गला तर करने के लिए नहीं मिलता है। कई बार से बाणसागर का पानी भी इसी नदी से यूपी जाता है। इस विधासभा क्षेत्र का अधिकांश एरिया असिंत है। करोड़ों रुपए की योजनाएं भी किसानों के लिए बेमानी हैं। कैलाशपुर लिफ्ट एरीगेशन का निर्माण नहीं होने से मऊगंज के दक्षिणी और पूर्वी छोर में पथरीली क्षेत्र में बसे गांवों के किसानों की खेती चौपट हो रही है। मऊगंज का अधिकांश हिस्सा सिंचाई का सांधन नहीं है। पानी का भीषण संकट है। कुल मिलाकर इस विधानसभा क्षेत्र में जल, जंगल और जमीन पर संकट है। चुनाव में मुद्दे तो उठते हैं, लेकिन, जैसे ही चुनाव खत्म होता है कि इस क्षेत्र की मूल समस्याओं पर चर्चा नहीं होती।
जिला बनाने की चर्चा चंहुओर
जिले के मऊगंज मुख्य बाजार में सुनील की चाय की दुकान पर चाय की चुस्की के साथ चुनावी चर्चा में लोग मशगूल रहे। चर्चा के दौरान सभी का चुनावी मुद्दा मऊगंज को जिला बनाओ रहा। देवेन्द्र सिंह ने कहा जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कागजी पर तैयारी पूरी हो गई है। जिस दिन सत्ता पक्ष का विधायक बना कि घोषणा हो जाएगी। बगल में बैठे शिवेन्द्र ने कहा, सही कह रहे हैं, अपर कलेक्टर की नियुक्ति हो गई है। इसके अलावा कई अन्य कार्यालय भी बनाए जा रहे हैं।
कैनाल की लाइनिंग खराब होने से कई गांवों की खेती प्रभावित
जिला मुख्यालय से करीब 80 किमी दूर गारा-234 और दुगौली पंचायत के बीच पहुंचे कि गोरमा डैम में पानी दिखा। सडक़ पर चाय की दुकान पर किसान रामसुंदर सिंह, शिवकेश तिवारी बैठे थे। सिंचाई के साधन पर चर्चा शुरू होते ही भडक़ गए। कहा, डैम में पानी देखने के लिए भरा है। पानी एक फसल की सिंचाई के लिए मिलता है। बाकी के दिन में खेत सूखे पड़े रहते हैं। ऐसे में क्या खाक विकास होगा। इससे जुड़े कैनाल की लाइनिंग खराब होने से सीपेज बढ़ गया है। इससे खेती चौपट हो रही है।
चौराघाट पर सडक़ निर्माण से 35 किमी दूरी कम हो जाएगी
हनुमना बाजार के व्यापारी रामानिवासी कहते हैं कि हनुमना क्षेत्र में चौराघाट पहाड़ के नीचे जाने के लिए करोड़ों रुपए की योजना मंजूर हो गई है। मऊगंज और हनुमना के अंधिकांश गांवों और व्यापारियों के लिए मुख्य समस्या है। इस क्षेत्र के लोगों को चाकघाट और पड़ोसी राज्य के प्रयाग जिला जाने के लिए नईगढ़ी या फिर मनगवां की ओर से जाना पड़ता है। चौराघाट पहाड़ पर मार्ग बनाए जाने से मऊगंज से प्रयागराज की दूरी 35-40 किमी की दूरी कम हो जाएगी। मार्ग बनने के बाद सीधे सोनौरी से चाकघाट बाजार पहुंच जाएंगे।
————————–
कुल जनसंख्या 3.48 लाख
-कुल वोटर 200761
महिला मतदाता 94004
पुरुष मतदाता 106796
——————————
2013 वोट का प्रतिशत
सुखेन्द्र सिंह बन्ना कांग्रेस 33.23
लक्ष्मण तिवारी भाजपा 24.04
भीम सिंह पटेल बसपा 14.46
विनोद शुक्ला निर्दलीय 11.19
राजू कोल राष्ट्रीय परिवर्तन दल 2.96
——————————
2013 में हार जीत का अंतर
सुखेन्द्र सिंह बन्ना कांग्रेस 38898
लक्ष्मण तिवारी भाजपा 28131
जीत का अंतर 10766
—————————–
प्रमुख समस्यांए
-जिला बनाने की लंबे समय से मांग
-कैलाशपुर लिफ्ट एरीगेशन का लटका निर्माण
-गोरमा डैम से लिंक कैनाल के रिसाव से बर्बाद हो रही खेती
-चौराघाट पहाड़ पर अधूरा मार्ग
-100 बेड के हॉस्पिटल को सिविल अस्पताल बनाना
-महिला थाना की स्थापना
-हनुमना के 84 क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई की समस्या
-मऊगंज के ज्यादातर गांवों को मुख्य मार्गों से जोडऩा
-अवैध खनन पर रोक लगाई जाए।
-आदिवासियों को आवासीय एवं कृषि योग्य पट्टा की मांग।
-मऊगंज-हनुमना बाजार में स्वच्छ पेयजल दिलाया जाए।
-पथरीले क्षेत्र में किसानों के खेत में बाणसागर का पानी पहुंचाया जाए।
—————————–
जनता के बीच रहे प्रतिद्वंदी
वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस के सुखेन्द्र सिंह बन्ना ने भाजपा के लक्ष्मण तिवारी को पराजित कर दिया था। हर जीत का अंतर काफी था। इस बार लक्ष्मण तिवारी के बगावत के बाद भाजपा ने संगठन के मजबूत कार्यकर्ता प्रदीप पटेल को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने सुखेन्द्र सिंह को भाजपा ने इस प्रदीप पटेल पर एक बार फिर भरोसा जताया है। उधर, निकटतम प्रत्याशी पूरे पांच साल तक जनता के बीच बने रहे।
 

Home / Rewa / MP election 2018: दो राज्यों की सीमा पर जल-जंगल और जमीन पर संकट

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.