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सावधान ! मैली हुई बिछिया नदी : पानी में घट रही ऑक्सीजन, मानव व जीव-जंतुओं को खतरा

नहीं रोक पाए गंदे नाले, बी श्रेणी में पहुंची पानी की गुणवत्ता, शहर के सभी घरों में पहुंचता है बिछिया का पानी

रीवाFeb 23, 2020 / 12:34 pm

Mahesh Singh

Muddy Bichia river, decreasing oxygen in water

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रीवा. शहर की जीवनदायनी बिछिया नदी दिनोंदिन मैली होती चली गई। वर्तमान में स्थिति यह है कि पानी में लगातार बॉयो कैमिकल की मात्रा बढ़ रही है और ऑक्सीजन की मात्रा घट रही है। जिससे बिछिया नदी का पानी पीने लायक नहीं रह गया है। पंद्रह दिन पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बिछिया के पानी के नमूने की जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। प्रदूषण के कारण पानी की गुणवत्ता अब बी श्रेणी पर पहुंच गयी है। इससे इस पानी को पीने वाले लोगों के साथ-साथ जलीय जीव-जंतुओं पर भी खतरा मंडरा रहा है।
बीहर व बिछिया यह दोनों नदियां शहर से गुजरती है। इनमें बिछिया का पानी शहरवासियों को पीने के लिए फिल्टर प्लांट के जरिए सप्लाई होता है। बताया गया है कि लक्ष्मण बाग संस्थान से राजघाट तक पांच बड़े गंदे नाले बिछिया नदी में मिलते है जिससे नदी का पानी दूषित होता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लक्ष्मण बाग व राजघाट के बीच के पानी के नमूनों की जांच की है। इनमें बॉयो कैमिकल डिमांड ऑक्सीजन (बीडीओ) और डिजॉल्ब ऑक्सीजन (डीओ) दोनों की मात्रा मानक स्तर पर नहीं। इसके चलते अब बिछिया नदी के पानी की गुणवत्ता अब बी श्रेणी में पहुंच गई है। जबकि पीने के लिए ए श्रेणी का पानी सबसे अच्छा माना जाता है।
जांच में यह आए आकड़े
बिछिया नदी के पानी की जांच की गई तो डीओ जहां 6 मिलीमीटर प्रतिलीटर होना चाहिए तो वह 4.5 मिलीमीटर प्रतिलीटर पाया गया है। यानी ऑक्सीजन की मात्रा घट रही है। वहीं बीओडी जहां 2 मिलीमीटर प्रति लीटर होनी चाहिए वह 3.5 मिलीमीटर प्रतिलीटर पाई गई है। जो मानक से अधिक है।
पीना तो दूर नहाने लायक नहीं बचा है पानी
बिछिया नदी में बहाव नहीं होने के कारण पानी में गंदगी बड़ी मात्रा दिनोंदिन बढ़ी है। स्थिति यह है कि लक्ष्मण बाग के पास लोग बिछिया के पानी में नहाने से भी कतरा रहे है। इसे लेकर आपत्ति आई थी जिसपर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानी के नमूनों की जांच की। बताया गया है कि नदी का पानी नहाने के लायक भी नहीं रह गया है।
नहीं डायवर्ट कर पाए नाले
हरित अभिकरण ने बिछिया का प्रदूषण रोकने नगर निगम को नालों को डायवर्ट कर पानी ट्रीट करने के बाद नदी में छोडऩे का आदेश दिया था। इसके बावजूद नगर निगम इन बड़े गंदे नालों के पानी को बिछिया में मिलने से नहीं रोक पाया है। वहीं नदी का बहाव बनाए रखने के लिए नहर का पानी बिछिया में छोड़ा जाना था। इस संबंध में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
56 हजार घरों में पहुंचता है बिछिया का पानी
बिछिया नदी का पानी शहर के लगभग 56 हजार घरों में नल के जरिए पहुंचता है। इसकी गुणवत्ता गिरने के कारण लोग दूषित पानी पी रहे है इससे लोगों में कई तरह की बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। वहीं ऑक्सीजन की मात्रा घटने से जलीय जंतुओं का जीवन भी संकट में पड़ गया है।
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बिछिया में पानी के नमूनों की जो जांच रिपोर्ट आई है उसमें बॉयो कैमिकल की मात्रा बढ़ी है और आक्सीजन की घटी है। इससे पानी की गुणवत्ता अब बी श्रेणी पर पहुंच गई है। यह पानी पीने के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता।
शुभी माथुर, वैज्ञानिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रीवा

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