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नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड ने दबाए 10 करोड़, वसूली में ये तहसीलें फिसड्डी

locationरीवाPublished: Aug 08, 2019 10:57:53 am

Submitted by:

Rajesh Patel

सरकार के करोड़ों रुपए फील्ड में फंसा है। सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं के साथ ही भूमियों के भू-भाटक, लगान और डायवर्सन का करोड़ों रुपए का राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही, छह करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व वसूली बाकी

रीवा. सरकार के करोड़ों रुपए फील्ड में फंसा है। सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं के साथ ही भूमियों के भू-भाटक, लगान और डायवर्सन का करोड़ों रुपए का राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है। अफसरों की अनदेखी के चलते राजस्व की वसूली नहीं हो पा रही है। जिले में हुजूर, मनगवां, मऊगंज सहित कई अन्य तहसीलें फिसड्डी हैं।
पीएस के रिव्यू मीटिंग में खुलासा
पीएस राजस्व मनीष रस्तोगी विभाग के काम-काज और राजस्व वसूली के साथ ही जनता की समस्याओं के निराकरण को लेकर सोमवार को वीडियो कॉन्फेंस के जरिए समीक्षा कीे। इससे पहले समीक्षा तैयार को लेकर अपर कलेक्टर इला तिवारी ने राजस्व अधिकारियों के साथ होमवर्क किया। जिसमें करोड़ों रुपए सरकार का राजस्व फील्ड से वसूली बकाया की बात सामने आयी है। इस दौरान अपर कलेक्टर ने वसूली, राहत और सीएम हेल्पलाइन के क्रियान्वयन व उसके प्रगति की समीक्षा की।
नजूल ने गांधी कॉप्लेक्स का दबाए दो करोड़
पीएस राजस्व की रिव्यू मीटिंग को लेकर राजस्व अधिकारियों ने पिछले दो दिन से लगातार होमवर्क कर रहे हैं। मीटिंग से पहले समीक्षा के दौरान प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में जिले की ज्यादातर तहसीलें लगान और डायवर्सन राजस्व का बकाया वसूलने में फिसड्डी हैं। कुल मिलाकर जिले में राजस्व वसूली के छह करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया की जानकारी सामने आयी। मामले में अपर कलेक्टर ने वसूली की प्रगति बढ़ाने का निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने प्राकृतिक आपदा राहत राशि की भी समीक्षा की। जिसमें पीडि़तों के खाते में भेजी गई राशि का ट्रांजेक्शन फेल होने और स्वीकृत और अस्वीकृत प्रकरणों पर भी चर्चा की गई।
9 हजार शिकायतें नहीं कर सके जिम्मेदार
सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा के दौरान जिला प्रबंधक ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिसमें बताया गया कि बीस दिन पहले 18 हजार शिकायतें निराकरण के लिए लंबित थीं। लेकिन, वर्तमान समय में घटकर 12 हजार हो गई हैं। सीएम हेल्पलाइन में पुलिस, बिजली और राजस्व विभाग की शिकायतें सबसे अधिक हैं। जबकि पंचायत एवं ग्रामीण विभाग की शिकायतें डेढ़ हजार से घटकर महज 200 हो गई हैं। पुलिस विभाग की शिकायतें सीएम हेल्पलाइन पर दो हजार से ज्यादा पहुंच गई हैं। जिसका निराकरण नहीं हो पा रहा है।
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