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नगर निगम कर्मचारियों ने वीटीएल कंपनी के प्लांट के बाहर आखिर क्यों जमाया डेरा, यहां जानिए इसकी प्रमुख वजह

वीटीएल में टैक्स वसूलने पहुंचा निगम का अमला वापस लौटा- प्रबंधन ने कहा, विधिक जानकारी लेने के लिए समय दिया जाए- काफी देर तक मुख्य द्वार पर बैठे रहे निगम के अधिकारी-कर्मचारी

रीवाJun 14, 2019 / 09:07 pm

Mrigendra Singh

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nagar nigam and vtl rewa controversy

रीवा। नगर निगम क्षेत्र में संचालित उद्योगों से संपत्तिकर वसूली के लिए शुरू किए गए प्रयास के तहत शुक्रवार को उद्योग विहार चोरहटा में टीम पहुंची। वीटीएल फैक्ट्री के गेट के बाहर करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे लेकिन कंपनी प्रबंधन के साथ उनकी बात नहीं हो सकी। निगम को वीटीएल ग्रुप के प्लांट से टैक्स के रूप में करीब दस करोड़ रुपए की वसूली करनी है।
करीब 15 दिन पहले निगम के अधिकारियों ने कंपनी प्रबंधन के साथ चर्चा की थी, उस दौरान कंपनी की ओर से समय मांगा गया था। इसके बाद संपर्क नहीं हुआ तो निगम की करीब आधा सैकड़ा लोगों की टीम सुबह से ही पहुंच गई। मुख्य गेट के बाहर निगम के कर्मचारी बैठे रहे, इस बीच प्रबंधन के अधिकारियों के पास संदेश भिजवाया गया लेकिन वहां से कोई नहीं आया। बताया गया है कि संपत्तिकर वसूली को लेकर वर्ष २००३ से कंपनी और नगर निगम के अधिकारियों के बीच विवाद चल रहा था।
मामला कोर्ट में पहुंचा था तो कोर्ट ने यह कहते हुए संपत्तिकर वसूली पर रोक लगा दी थी कि वसूली के लिए किसी भी तरह की सख्ती नहीं की जा सकती। बाद में कोर्ट ने टैक्स वसूली के लिए अनुमति दी, कहा कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से टैक्स जमा कराने की प्रक्रिया कर सकते हैं लेकिन बल प्रयोग नहीं होगा। कंपनी की ओर से तर्क दिया गया था कि टैक्स वसूलने के लिए यदि तालाबंदी जैसी सख्ती होगी तो बड़ा नुकसान होगा, इसलिए कोर्ट ने कंपनी को राहत दी थी। इसके बाद से निगम प्रशासन भी टैक्स वसूली के प्रति उदासीन बना रहा। अब फिर से तैयारी प्रारंभ की गई है। उद्योग विहार में 84 कंपनियों के प्लांट हैं, जिनमें करीब ३० करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स निगम का है। निगम अधिकारियों ने दावा किया है कि वीटीएल ग्रुप के दो प्लांटों से संपत्तिकर यदि जमा किया गया तो १० करोड़ रुपए से अधिक की राशि होगी।

– गेट के भीतर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी
कंपनी के मुख्य गेट के बाहर करीब आधा सैकड़ा की संख्या में नगर निगम के कर्मचारी जमा हो गए, इस दौरान कंपनी के सुरक्षाकर्मियों की ओर से गेट नहीं खोला गया। वहां के कर्मचारियों को भी भीतर नहीं घुसने दिया गया, इसके बाद पीछे के गेट से कंपनी के कर्मचारी बुलाए गए। काफी देर तक तनाव की स्थिति बनी रही, बाद में निगम के अधिकारी चले गए और कहा कि कोर्ट के निर्देश के अनुसार वह कोई बल प्रयोग नहीं करेंगे लेकिन संपत्तिकर मांगने आते रहेंगे।
-18 कंपनियों को जारी हो चुकी है नोटिस
नगर निगम ने उद्योग विहार की 18 कंपनियों को टैक्स जमा करने का नोटिस जारी कर रखा है। साथ ही निगम आयुक्त सभाजीत यादव के साथ उद्योगपतियों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक भी हो चुकी है। उद्योग पतियों ने कहा था कि वह अपने संघ की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा कर निगम को सूचित करेंगे। अब तक किसी तरह की सूचना नहीं मिलने पर निगम के अधिकारी फिर पहुंचे थे।

– निगम ने कहा, बल प्रयोग किए बिना करेंगे वसूली
नगर निगम के जोन प्रभारी एसके चतुर्वेदी ने बताया कि वीटीएल में 2003 से संपत्तिकर और समेकितकर बकाया है। कोर्ट ने कहा है कि बल प्रयोग किए बिना हम कर वसूल सकते हैं। इसलिए आए थे, प्रबंधन की ओर से कोई बाहर नहीं आया और न ही भीतर जाने की अनुमति दी है। हमारा प्रयास है कि हम अपना टैक्स वसूल करें। वहीं वीटीएल के प्रबंधक सौरभ सिंह का कहना है कि मामला कोर्ट में है, इसलिए आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दे सकता।

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