नगर निगम द्वारा पूर्व में बड़ी मात्रा में ऋण लिया गया था। जिनके भुगतान का समय आया तो निगम की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि उसका भुगतान किया जा सके। इसलिए सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान में कटौती की जा रही है। बिजली का बिल भी कई वर्षों का बकाया था, जिसमें से बड़ा हिस्सा बीते साल जमा कराया गया है। शेष राशि जमा करने के लिए हर महीने निगम को मिलने वाली राशि से कटौती की जा रही है।
नगर निगम के कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान नहीं होने की समस्या करीब एक वर्ष पहले से चल रही है। निगम में हर महीने करीब पौने तीन करोड़ रुपए का वेतन भुगतान किया जाता है। जिसमें करीब दो करोड़ रुपए चुंगीक्षतिपूर्ति के रूप में दिए जाते रहे हैं। इस राशि में भी कटौती की जा रही है अब यह राशि महज ७० से ९० लाख के बीच में आ रही है। इसलिए पहले आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारियों को ही भुगतान किया जा रहा है। सफाई कर्मचारियों को पहले भुगतान होता है, इसके बाद अन्य का वेतन मिलता है।