नगर निगम की पानी सप्लाई व्यवस्था करीब महीने भर से लडख़ड़ा रही है। आए दिन किसी न किसी मोहल्ले में सप्लाईबाधित हो रही है, इसका फायदा पानी का कारोबार करने वाले उठा रहे हैं। मोहल्लों में पानी पीने के लिए लोगों को मजबूरी में डिब्बे का पानी खरीदना पड़ रहा है। विपक्ष के कईपार्षदों ने यह भी आरोप निगम पर लगाया है कि कारोबारियों से सांठगांठ कर गर्मीके दिनों में जानबूझकर सप्लाई बाधित की जा रही है। हालांकि मामले में निगम के अधिकारी आरोपों को खारिज कर रहे हैं।
शहर में नगर निगम के पास 58 एमएलडी पानी की सप्लाई हर दिन करने का संसाधन मौजूद है। दावा भी किया जा रहा हैकि हर दिन इतनी मात्रा में पानी की सप्लाईहो रही है। वहीं करीब 50 से अधिक की संख्या में पानी बेचने वाले सक्रिय हैं। इनके पानी की शुद्धता की गारंटी क्या है, इसकी जांच के लिए अधिकारी नहीं पहुंच रहे हैं। कईबार ऐसी भी शिकायतें आती हैं कि बिना फिल्टर किए ही पानी डिब्बे में पहुंचाया जा रहा है। खासतौर पर शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में अधिक संख्या में डिब्बों की मांग होती है जहां पर बोर का पानी सीधे भेजा जा रहा है।
पानी बेचने वालों ने नगर निगम से नल का कनेक्शन भी ले रखा है। मीठे पानी की सप्लाई का यह फायदा भी उठाते हैं। बताया जा रहा है कि कुठुलिया, बिछिया, महाजन टोला, रानीतालाब, ढेकहा, पडऱा, उद्योगविहार, मैदानी, रतहरा, अनंतपुर आदि मोहल्लों में जहां पर अधिक संख्या में पानी का कारोबार किया जा रहा है, वहां पर नल के कनेक्शन भी लगे हुए हैं। इसी पानी का उपयोग व्यवसायिक कारोबार के लिए किया जा रहा है।
एसके चतुर्वेदी, पेयजल प्रभारी नगर निगम ने कहा कि शहर में पानी बेचने वालों की निगरानी की जा रही है। जल्द ही एक अभियान चलाकर नियम विरुद्ध कारोबार करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।