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रीवा

अब नहीं होंगे सड़क हादसे और न ही किसानों की फसल होगी बरबाद, जानिए सरकार की क्या है योजना

प्रदेश सरकार ने 1000 गौशलाएं खोलने की घोषणा की है, अगले चार माह में होगा निर्माण, रीवा जिले में पहले चरण में 30 गौशाला खोली जाएंगी।

रीवाMar 01, 2019 / 07:54 pm

Balmukund Dwivedi

now Will stop road accident and crop destroying

now Will stop road accident and crop destroying

रीवा . अब सड़कों पर होने वाले हादसों में कमी आएगी, साथ ही किसानों की फसल भी खेत में खराब नहीं होगी। क्योंकि ज्यादातर आवारा पशुओं के चलते सड़क पर हादसे होते हैं। वहीं दूसरी ओर आवारा मवेशी किसानों की खेत में खड़ी फसल चट कर देते हैं जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है। इस नुकसान से बचने के लिए कुछ स्थानों पर तो किसानों ने बुवाई करनी ही छोड़ दी है। लेकिन अब इन सबसे राहत मिलने वाली है।
किसानों में उम्मीद बंधी
प्रदेश सरकार ने किसानों को अवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने एवं गौवंश को सरंक्षित करने अगले चार माह में प्रदेश में 1000 गौशाला खोलने की घोषणा की है। इससे अवारा पशुओं के आतंक से परेशान जिले के किसानों में उम्मीद बंधी थी कि गौशाला खुलने से उन्हें खेतों की तकबारी से राहत मिलेगी। फिलहाल किसानों को आवारा पशुओं से राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। क्योंकि प्रदेश के सबसे अधिक आवारा पशुओं वाले सतना जिले में पहले चरण में मात्र 30 गौशाला खोली जाएंगी। इनमें मात्र 3000 अवारा गौवंश को आश्रय दिया जाएगा। जबकि जिले में आवारा पशुओं की संख्या 85 हजार से अधिक है।
45 गौशाला खुलनी थी जिले में
पशु चिकित्सा विभाग ने जिले में आवारा पशुओं की संख्या को दखते हुए प्रथम चरण में 45 गौशाला खोलने का प्रस्ताव तैयार कर उसे स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार को भेजा था। लेकिन जिले में सबसे अधिक निराश्रित पशुधन होने के बाद भी सरकार ने सिर्फ 30 गौशाला को स्वीकृति प्रदान की है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि ग्राम पंचायतों में गौशाला खोलने पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध न होने के कारण १५ गौशाला होल्ड कर दी गई है। दूसरे चरण में इन पर विचार किया जाएगा।
18 गौ-शालाएं क्रियाशील
जिले में निराश्रित गौवंश को आश्रय देने कुल 18 निजी गौशालाएं क्रियाशील हैं। इन गौशालाओं में वर्तमान में 8129 गौवंश को आश्रय मिल रहा है। समाजिक संगठनों द्वारा संचालित इन गौशालाओं को प्रदेश सरकार द्वारा चारा-भूसा के लिए प्रति वर्ष आर्थिक मदद की जाती है। वहीं अभी तक जिले में एक भी सरकारी गौशाला की स्थापना नहीं हो सकी।
एक गौशाला में रख सकेंगे 100 पशु
जिले में बनने वाली प्रत्येक गौशाला की क्षमता 100 पशु की होगी। इस प्रकार 30 गौशालाओं में कुल तीन हजार पशुओं को संरक्षित किया जाएगा। गौशाला निर्माण की जिम्मेदारी आरइएस को सौंपी गई है। नई गौशाला निर्माण के लिए प्रति गौशाला 24 लाख रुपए की राशि स्वीकृति की गई है। इस राशि से चिन्हित जमीन को तार से घेरा जाएगा। इसके अलाया गौशाला में पशुओं की छाया के लिए टीनशेड एवं पानी के लिए बोर एवं पंप की व्यवस्था की जाएगी।
सतना को चाहिए ७०० गौशाला
प्रदेश में सबसे अधिक पशुधन एवं आवारा पशुओं की संख्या वाले सतना जिले को आवारा पशुओं से मुक्ति दिलाने के लिए गौशाला नहीं बल्की यहां पशु अभ्यारण्य खोलने की जरूरत है। जिनमें 10 हजार पशु एक साथ रखे जा सकें। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आवारा पशुओं की संख्या को देखते हुए जिले में 700 गौशाला खुले तभी किसानों को आवारा पशुओं से छुटकारा मिल सकता है।
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