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संजय गांधी हॉस्पिटल में जलापूर्ति की पाइप लाइन चोक, वार्ड में तड़प रहे मरीज

locationरीवाPublished: Apr 15, 2019 11:45:50 am

Submitted by:

Rajesh Patel

संजय गांधी हॉस्पिटल परिसर में लगे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की मशीनें कबाड़, कुठिलिया के भरोसे मीठे पानी की सप्लाई

Pipeline choke of water supply at Sanjay Gandhi Hospital

Pipeline choke of water supply at Sanjay Gandhi Hospital

रीवा. विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में जलापूर्ति की पाइप लाइन चोक हो गई है। जिससे तीन मंजिला अस्पताल में मीठे पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। भीषण गर्मी में बेहाल मरीजों के सामने पेयजल संकट खड़ा हो गया है। अस्पताल में लगे ज्यादातर वॉटर कूलर भी खराब पड़े हैं। रविवार को पानी के लिए तीमारदार बाटल लेकर परेशान रहे।
पीएएचई को दी गई है व्यवस्था
संजय गांधी हॉस्पिटल में पेयजल की व्यवस्था पीएचई विभाग को दी गई है। दो साल पहले यहां की व्यस्था पीडब्ल्यूडी विभाग के पास थी। तत्कालीन संभागायुक्त ने व्यवस्था बदलकर पीएचई विभाग को दे दिया है। अस्पताल के वार्ड में भर्ती मरीजों और डॉक्टर कॉलोनी सहित छात्रावास में जलापूर्ति की जाती है।
अस्पताल में 1800 लोगों के पयेजल की क्षमता
कुल मिलाकर १८०० लोगों के पेयजल की क्षमता की व्यवस्था की गई है। कुठिलिया वॉटर प्लांट से अस्पताल परिसर में पानी एकत्रित करने के बाद पंप के माध्यम से तीन मंजिला वार्ड तक पानी चढ़ाया जाता है। वार्ड के लिए लगाए गए वॉटर पंप की पाइप लाइन चोक हो गई है। जिससे जगह-जगह लीकेज बढ़ गया है। मेंटनेंस और सफाई नहीं होने के कारण वार्ड में पानी नहीं पहुंच रहा है। जलापूर्ति बाधित प्रभावित होने पर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है। तकनीकि त्रुटि के चलते वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से मीठे पानी के बजाए खारे पानी की सप्लाई की जा रही है।
चिलचिलाती धूप में बॉटल लेकर भटक रहे तीमारदार
रविवार दोपहर 12.20 बजे चिलचिलाती धूप में तीमारदार सुनील तिवारी, अमन शुक्ला आदि कई मीठे पानी की तलाश बॉटल लेकर भटक रहे थे। जीएमएच से एसजीएमच पहुंचे। यहां भी वॉटर कूलर में गरम पानी निकल रहा था। दूसरी मंजिल पर भर्ती मरीज शंकुतला देवी के पति ने बताया कि पीने के लिए खरा पानी आ रहा है। एसजीएमच के मुख्य गेट पर वॉटर कूलर तो लगा दिया गया है। लेकिन मेंटीनेंस नहीं होने से पानी ठंडा नहीं निकल रहा है। इसी तरह अस्पताल में दो दर्जन से ज्यादा वॉटर कूलर लगाए गए हैं। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि अभी तक वॉटर कूलर की सफाई तक नहीं की गई है। जिससे दूषित पानी पीने को विवश हैं।
वॉटर कूलर के लिए दानवीर का इंतजार
अस्पताल परिसर में मरीजों को ठंडा और मीठे पानी की व्यवस्था के लिए दानवीर का इंतजार है। हर साल गर्मी के समय कोई न कोई दानवीर वॉटर कूलर दान करता था। जिससे गरीब मरीजों को सुविधा मिल जाती थी। लेकिन, इस साल अभी तक कोई भी दानवीर सामने नहीं आया है। अस्पताल में लगे ज्यादातर वॉटर कूलर की स्थिति ठीक नहीं है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
अस्पताल में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट सहित अन्य व्यवस्था को ठीक करने के लिए पीएचई को पत्र लिखा गया है। वॉटर कूलर की सफाई शुरू कर दी गई है। इसके अलावा अगर किसी वार्ड में पानी नहीं पहुंच रहा है तो संबंधित से बात करेंगे।
डॉ पीसी द्विवेदी, डीन, मेडिकल कालेज
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वर्जन…
कुठिलिया प्लांट से मीठे पानी की सप्लाई की जाती है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अस्प्ताल परिसर से ही बोर के पानी का ट्रीटमेंट कर सप्लाई होती है। हां, ये जरूर है कि पंप की सफाई अभी नहीं की गई है। ब्लीचिंग डाल कर सप्लाई की जा रही है। मैं अभी हाल में ही आया हूं। जल्द व्यवस्था बनाई जाएगी।
एमएस मंडलोई, सब इंजीनियर
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