सिविल ड्रेस में मौजूद आरक्षक की लोगों ने जमकर धुनाई की। आरक्षक ने बाद में थाने पहुंचकर शरण ली। मामले को लेकर आरक्षक की प्रथम दृष्ट्या लापरवाही सामने आई है। उक्त आरक्षक के साथ न तो संबंधित थाने की पुलिस थी और न ही उसने बैकुंठपुर थाने को ही सूचना दी थी। आरक्षक स्वयं लोगों को लेकर आरोपी को पकडऩे पहुंच गया था। आरक्षक की इस लापरवाही से पुलिस को घंटों परेशान होना पड़ा। यहां तक कि परिजनों की शिकायत पर अपहरण का प्वाइंट भी चलाना पड़ा। आरक्षक की लापरवाही सामने आने पर उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हंै।
समान थानाक्षेत्र में एक ऑटो के पहिये चोरी हो गए। वाहन मालिक ने आरोपी का पता लगा लिया और संबंधित थाने को सूचना देने के बजाय आरक्षक को सारी जानकारी दी। आरक्षक वाहन मालिक व उसके आदमियों को लेकर आरोपी को पकडऩे पहुंच गया। हैरानी की बात तो यह है कि इसके लिए समान पुलिस ने उसको अधिकृत नहीं किया था।
आशुतोष गुप्ता, एएसपी रीवा ने बताया कि आरक्षक अनाधिकृत रूप से बैकुंठपुर में आरोपी को पकडऩे गया था जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। प्रथम दृष्ट्या आरक्षक की लापरवाही सामने आने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जायेगी।