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Rewa ; लॉकडाउन के चलते नए घरों में प्रवेश के सपने पर लगा ब्रेक

– प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों को खरीदने के लिए लोगों ने आवेदन किया लेकिन प्रक्रिया रुकी- कई जगह खाली मकानों में आराजक तत्वों ने जमा रखा है डेरा

रीवाMay 04, 2021 / 12:24 pm

Mrigendra Singh

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रीवा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में बनाए गए मकानों को खरीदने की इ’छा रखने वाले लोगों के लिए लॉकडाउन और कोरोना कफ्र्यू बाधक बन रहा है। इनदिनों सबकुछ ठप है तो ऐसे में किसी तरह का संवाद नहीं हो पा रहा है। बड़ी संख्या में लोगों ने आवेदन देने के लिए कफ्र्यू के पहले संपर्क किया था, लेकिन उनकी प्रक्रिया बीच में ही रुक गई। इसी तरह करीब 300 की संख्या में आवेदन बैंकों में लंबित हैं। कफ्र्यू के कारण निराकरण नहीं होने की वजह से इन लोगों का गृहप्रवेश नहीं हो पा रहा है। कुछ बैंकों ने हाल ही में फाइनेंस की प्रक्रिया पूरी करने के बाद निगम को सूचित किया, जिसके चलते संबंधित लोगों को चाबियां भी सौंपी गई हैं। रीवा शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इडब्ल्यूएस घटक के मकान शहर के रतहरा, ललपा, गोलक्वार्टर, बिछिया, एसएएफ मैदान के पास, कृष्णा नगर, सुंदर नगर आदि क्षेत्रों में बनाए गए हैं। जिनकी बिक्री के लिए करीब दो वर्षों से नगर निगम प्रयास कर रहा है। अभी तक सभी मकान नहीं बिक्री हो पाए हैं। इसलिए नगर निगम ने दिसंबर महीने से शिविर लगाकर योजना की जानकारी देने का अभियान शुरू किया था। साथ ही निगम के अधिकारी सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालयों के साथ कंपनियों में जाकर योजना की जानकारी दे रहे थे। जिससे लोग मकान खरीदने के लिए आवेदन भी दे रहे थे लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण ने इस योजना पर ब्रेक लगा रखा है, निगम के अधिकारियों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति निर्मित नहीं होती तो अब तक बड़ी संख्या में लोगों का गृह प्रवेश कराया जा सकता था।
– कीमत को लेकर लंबे समय तक रहा विवाद
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए इडब्ल्यूएस मकानों की कीमत को लेकर रीवा में बड़ा विवाद रहा हैै। निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने दो लाख रुपए में सभी को मकान देने का वादा किया था। बाद में जब प्रदेश में सरकार बदली और नए अधिकारी आए तो पता चला कि दो लाख रुपए में केवल उन्हीं लोगों को मकान मिलेगा जो स्लम एरिया में पहले से निवास कर रहे थे। इस कारण बड़ी संख्या में लोगों ने 20 हजार रुपए देकर मकान खरीदने के लिए आवेदन दे रखा था तो उन लोगों ने अपनी राशि वापस मांगना शुरू किया। जिसमें 1930 लोगों की ओर से मकान नहीं खरीदने की बात कही गई थी। इसमें कुछ लोगों के आवेदन पर 20 हजार रुपए पंजीयन की जमा राशि वापस भी की गई।

डेढ़ लाख रुपए की मिली है छूट
कुछ दिन पहले ही प्रदेश सरकार ने इडब्ल्यूएस मकानों की कीमत में डेढ़ लाख रुपए की छूट देने का प्रावधान किया है। जिसके चलते नॉन स्लम बस्ती में रहने वाले लोगों को 3.25 लाख रुपए में मकान देने की व्यवस्था की गई है। पहले इसकी कीमत 4.75 लाख रुपए निर्धारित की गई थी। वहीं स्लम एरिया में रह रहे लोगों को दो लाख रुपए में ही मकान दिए जा रहे हैं।
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672 मकानों को बेचने की चल रही है प्रक्रिया
नगर निगम ने पहले चरण में 2240 मकान इडब्ल्यूएस घटक के बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की है। जिसमें 1736 मकान बनाए गए हैं। इनमें से कुछ मकानों की बिक्री पहले ही हो चुकी है और लोगों को घरों की चाबियां सौंपी गई है, जहां लोग निवास भी कर रहे हैं। अभी 672 मकानों को बेचने के लिए नगर निगम प्रक्रिया कर रहा है। जिसमें 300 आवेदन बैंकों को ऋण स्वीकृत करने के लिए भेजे गए हैं। शेष जो आवेदन आ रहे थे उनकी प्रक्रिया चल रही थी लेकिन कफ्र्यू की वजह प्रक्रिया रुकी हुई है।
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शहर में यहां बन रहे इडब्ल्यूएस मकान
– रतहरा- 238
– ललपा – 140
– सुंदरनगर- 392
– शिवनगर-238
– एसएएफ ग्राउंड- 336
– गोल क्वार्टर बिछिया- 588
– कृष्णा नगर- 308
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आवास योजना के मकानों के आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। कफ्र्यू की वजह से शिविरों का आयोजन नहीं हो पा रहा है। पूर्व में 300 आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं, वहां से स्वीकृति मिलते ही चाबियां सौंपी जाएंगी। प्रक्रिया रुकी नहीं है, जिनके प्रकरण स्वीकृत हो रहे हैं उन्हें चाबियां सौंपी भी जा रही हैं।
एपी शुक्ला, उपायुक्त नगर निगम–
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