– संबल कार्ड वितरण के दौरान हुआ था बवाल
संबल योजना का कार्ड वितरित करने के लिए हर वार्ड की कमेटियां बनाई गई थी। इसमें भाजपा से जुड़े लोगों को शामिल किया गया था और कांग्रेस पार्षदों को इन कमेटियों में नहीं रखा गया था। २० अगस्त २०१८ को वार्ड २९ के स्थानीय लोग संबल कार्ड की मांग के लिए निगम कार्यालय में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच वार्ड पार्षद रामप्रकाश तिवारी डैडू भी पहुंचे और उन्होंने भी कार्ड वितरण की मांग उठाई। प्रदर्शन के बीच ही महापौर ममता गुप्ता एवं निगम आयुक्त आरपी सिंह भी पहुंचे।
– दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर भी सवाल
कलेक्टर द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन का अध्ययन करने के बाद संभागायुक्त ने आदेश में कहा है कि समयपाल खुशीनंद खरे के जिस आवेदन को आधार बनाया गया है, उसमें आवेदन करने की तिथि का उल्लेख नहीं है। निगम कार्यालय की आवक पंजी मेें भी यह दर्ज नहीं है। इसी तरह नगर निगम श्रमिक कर्मचारी परिषद के पत्र में क्रमांक का उल्लेख नहीं है और यह महापौर एवं आयुक्त को भी प्रेषित किया गया था। निगम के आवक पंजी में यह भी दर्ज नहीं है। इसलिए इन पत्रों की प्रामाणिकता पर भी सवाल है।
– अब एमआइसी मेंबर की बारी
संभागायुक्त कार्यालय में मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की पार्षद शून्य किए जाने का भी प्रस्ताव निगम आयुक्त की ओर से दिया गया है। इन पर आरोप है कि निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस पार्षदों के मामले में निराकरण के बाद अब एमआइसी सदस्यों पर हो रही सुनवाई पर सबकी नजरें होंगी। आगामी 11 नवंबर तक नौ सदस्यों को जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।