ग्रामीणों ने कीचड़ वाली सड़क पर धान का रोपा लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया और मांग उठाई है कि उनकी इस समस्या पर प्रशासन ध्यान दे। आदिवासी महिला सीमा कोल ने कहा है कि नागपंचमी के दिन उसकी देउरानी की डिलीवरी में एम्बुलेंस न आने से नवजात की मौत हो गई थी। सड़क नहीं होने से एंबुलेंस नहीं आती है।
इसी तरह अन्य लोगों की भी अपनी समस्याएं सड़क की वजह से हैं। ग्रामीणों ने कहा है कि यदि सप्ताह भर के भीतर प्रशासन कोई कार्रवाई के लिए आगे नहीं आता तो पूरे गांव के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे और वहां पर बड़ा प्रदर्शन करेंगे। कुछ ने तो यह भी आरोप लगाया है कि उनके गांव में सड़क निर्माण के नाम पर राशि आहरित हो गई लेकिन मकान नहीं बना है।
बताया गया है कि दो जनपदों और दो विधानसभा क्षेत्रों को जोडऩे वाली यह सड़क मनगवां एवं देवतालाब विधानसभा क्षेत्रों के अंतरगत आती है। यह सड़क टिकुरी 37 गांव से प्रारम्भ होती है जो मढ़ी खुर्द पंचायत के खरहना ग्राम को जोड़ती है। नईगढ़ी ब्लॉक के नीबी लखन खुरियान ग्राम की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी ने बताया कि इसके लिए पहले जनप्रतिनिधियों से मांग की गई लेकिन उनकी ओर से अनदेखी किए जाने पर अब ग्रामीण सामने आए हैं। सड़क की समस्या के लिए हर स्तर पर गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
– एक बुजुर्ग ने सड़क पर लेटकर जताया विरोध
गांव के एक बुजुर्ग ने सड़क पर ही चारपाई बिछाकर पूरे दिन विरोध प्रदर्शन किया। वह सायं के समय भी वहां से उठने के लिए तैयार नहीं थे, उनका कहना था कि जब तक सड़क नहीं बनेगी तब तक वह ऐसे ही लेटे रहेंगे। हालांकि गांव के ही लोगों ने उन्हें वहां से घर भेजा।
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गांव के एक बुजुर्ग ने सड़क पर ही चारपाई बिछाकर पूरे दिन विरोध प्रदर्शन किया। वह सायं के समय भी वहां से उठने के लिए तैयार नहीं थे, उनका कहना था कि जब तक सड़क नहीं बनेगी तब तक वह ऐसे ही लेटे रहेंगे। हालांकि गांव के ही लोगों ने उन्हें वहां से घर भेजा।
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