– आयोग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से की सुनवाई
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इस मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की। जहां पर पीएचई के अधीक्षण यंत्री एसएल चौधरी, कार्यपालन यंत्री शरद सिंह और आवेदक शिवानंद द्विवेदी शामिल हुए। विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि नेवरिया के दलित बस्ती और अमवा के आदिवासी बस्ती में नलकूप स्थापित करा दिया गया है। साथ ही मांगी गई सूचना भी उपलब्ध कराई गई है। पहले आवेदक ने अधिकारियों पर जुर्माना लगाने की मांग की थी लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उनकी ओर से दोबारा इस तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। साथ ही समस्या का समाधान भी हो गया, जिसके चलते आवेदक ने भी मामले के निराकरण पर अपनी सहमति जताई।
– समय और रुपए दोनों की बचत हुई, आयोग प्रक्रिया में अपनाएगा
रीवा जिले के इस मामले के चलते कम समय पर मामले की सुनवाई के साथ ही उसका निराकरण भी हो गया। जिसके चलते राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा है कि इससे अधिकारियों को भोपाल तक आने-जाने में समय के साथ ही शासन की ओर से खर्च होने वाले रुपयों की बचत भी होती है। साथ ही कई दिनों तक लंबित रहने वाले मामले का निराकरण भी समय पर हो रहा है। इस कारण अब नियमित सुनवाई के मामलों में भी इसी तरह से वाट्सएप और ईमेल के जरिए नोटिस भेजकर अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पक्ष जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद हर क्षेत्र में बदलाव नजर आएगा, उसमें से आयोग की सुनवाई का भी तरीका अब बदलेगा।
– दो दिन के भीतर सुलझ गई समस्या
नेवरिया और अमवा के ग्रामीणों में भी प्रसन्नता है। क्योंकि क्षेत्रीय विधायक से लेकर सभी प्रमुख जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके थे। हर जगह आश्वासन मिलता रहा। बीते दो जून को राज्य सूचना आयोग ने पीएचई के अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री को नोटिस देकर आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना का उत्तर नहीं देने पर जवाब मांगा था। नोटिस मिलने पर कार्यपालन यंत्री ने मौके का निरीक्षण किया और तीन जून को अपना जवाब आयोग को भेज दिया था। अब चार जून को सुनवाई हुुई तो बताया कि दो जगह बोरिंग करा दी गई है।