भाजपा– प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह की मुश्किलें इसलिए बढ़ रही हैं कि पिछला चुनाव हारने के बाद लंबे समय तक वह निष्क्रिय रहे। सरकार के खिलाफ विरोध का सामना भी उन्हें करना पड़ रहा है। एससीएसटी वर्ग के वोट पर पकड़ मजबूत बनाई है।
कांग्रेस- सुंदरलाल तिवारी पांच साल तक विधायक रहे तो कुछ जगहों पर लोगों की अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं कर पाने का विरोध झेलना पड़ रहा है। हालांकि इनका जातिगत बड़ा वोट बैंक क्षेत्र में है। इसलिए नाराज वोटरों की भरपाई करने के प्रयास में हैं।
बसपा- बसपा का अपना आधार वोट और प्रत्याशी का जातिगत वोट मजबूती का कारण बन रहा है लेकिन जीत की स्थिति में पहुंच पाएंगे यह मतगणना में ही स्पष्ट होगा। पिछले चुनाव में यही प्रत्याशी थे और तीसरे नंबर पर रहे।
सपा- पिछले चुनाव में निर्दलीय रहे कपिध्वज सिंह इस बार समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी हैं। उन्होंने स्थानीय बनाम बाहरी प्रत्याशी का नारा क्षेत्र में दिया है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी क्षेत्र के बाहर के निवासी हैं। इनके अपने गांव के क्षेत्र बड़ा वोटबैंक है। सपा के निष्क्रिय हो चुके कार्यकर्ताओं को जोड़ा है। पूर्व की अपेक्षा चुनाव प्रचार इस बार व्यापक नजर आ रहा है। इनके समर्थकों की मानें तो क्षेत्र में जिसका भी मुकाबला होगा, इन्हीं से होगा।
– ये मुद्दे चुनाव में हो रहे हावी
– स्थानीय बनाम बाहर से आए प्रत्याशी।
– सोलर प्लांट बदवार में स्थानीय लोगों को रोजगार की समस्या।
– स्वास्थ्य की बदहाल स्थिति।
– सडक़ और पानी की क्षेत्र में बड़ी समस्या।
– पहडिय़ा गांव में निगम का क्लस्टर कचरा संयंत्र।
– स्किल डेवलपमेंट के संसाधन।
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पिछले चुनाव में यह रहा परिणाम
वर्ष 2013
कांग्रेस- सुंदरलाल तिवारी,- 33741
भाजपा- नागेन्द्र सिंह- 32359
बसपा- मुनिराज पटेल- 26099
निर्दलीय- कपिध्वज सिंह- 25510
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भाजपा नागेन्द्र सिंह, 31689
कांग्रेस, राजेन्द्र मिश्रा 20311-
बसपा- नारायण मिश्रा-17699 2003
भाजपा, नागेन्द्र सिंह, 37441
कांग्रेस, साधना कुशवाहा- 9028
बसपा, विद्यावती पटेल – 33897