रीवा

शहीद की पत्नी को 11 माह से परेशान कर रहा आरटीओ , जानिए, क्या है मामला

छत्तीसगढ़ के सुकमा में 24 अप्रैल 2017 को शहीद हो गए थे नारायण सोनकर, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी लापरवाह बने विभाग

रीवाMar 19, 2018 / 12:44 pm

Rajesh Patel

RTO harassing shaheed family

रीवा. देश की सुरक्षा में जान गवांने वाले शहीद की पत्नी आरटीओ कार्यालय में 11 माह से चक्कर लगा रही है। मिन्नत के बाद भी आरटीओ कार्यालय के अधिकारी नहीं पसीजे। नक्सली हमले में शहीद नारायण प्रसाद सोनकर की पत्नी परमिट के लिए 11 माह से आरटीओ कार्यालय में भटक रही है। शहीद की पत्नी सुनीता सोनकर को कलेक्ट्रेट पहुंची। कार्यालय में आवेदन देकर अधिकारियों को आरटीओ कार्यालय की मनमानी बताया है।
जीविकोपार्जन के लिए हरिजन कोटे से बस करायी थी फाइनेंस
जिले के त्योंथर तहसील के गंगतीरा गांव निवासी सुनीता सोनकर कलेक्टर कार्यालय में शहीद परिवार की ओर से दिए गए आवेदन के अनुसार नारायण प्रसाद सोनकर 24 अप्रैल 2017 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्शली हमले में शहीद हो गए थे। पत्नी सुनीता ने बताया कि शहीद होने से पहले परिवार के जीविकोपार्जन के लिए हरिजन कोटे से बस फाइनेंस करायी थी। शहीद के बाद बस पत्नी के नाम स्थानांतित होना है। जिसके परमिट के लिए आरटीओ कार्यालय में 11 माह से चक्कर लगा रही हूं। आवेदन के अनुसार बस शहीद के पत्नी सुनीता के नाम स्थानांतरित करने की कार्रवाई के बाद परमिट जारी की जानी है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी आरटीओ कार्यालय की मनमानी शहीद परिवार पर भारी पड़ रही है।
प्रक्रिया में अटकी आवास की स्वीकृति
मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत शहीद परिवार को जिला मुख्यालय पर हाउसिंग बोर्ड के तहत आवास दिए जाने का आदेश दिया गया है। शहीद परिवार ने बताया कि आवास की कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी अभी आवास नहीं मिल सका है। जबकि विभागीय अधिकारियों के द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं।
बेटे की नियुक्ति प्रक्रिया अटकी
शहीद के बेटे की उम्र कम होने पर मुख्यमंत्री के विशेष अधिकार के तहत बेटे को उम्र पूरी करने के बाद आरक्षक के पद नियुक्त की घोषणा की गई है। उम्र कम होने के कारण तत्कालीन समय में बाल आरक्षक की नियुक्ति दे दी गई है। एक जनवरी 2018 को 18 साल की उम्र पूरा करने के बाद आरक्षक की नियुक्ति की अगली कार्रवाई पूरी करने की प्रक्रिया अटकी हुई है।
 

 
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