किसान मोर्चा का आरोप है कि एसपी रीवा और टीआइ चोरहटा ने मिलकर सुबह लगभग 6:15 बजे सब्जी उत्पादक किसानों श्यामलाल कुशवाहा व उमेश कुशवाहा तथा महिला किसानों सहित दर्जनों लोगों की जमकर लाठी-डंडों से पिटाई की। साथ ही भद्दी-भद्दी गालियां दीं। मोर्चा के पदाधिकारियों ने एसपी पर गंभीर आरोप लगाया है कि उन्होंने खुद गंदी-गंदी गालियां दीं और किसानों को मारने का आदेश दिया। किसानों के साइकिल मोटरसाइकिल की हवा निकाली गई। उन्हें मारा गया सरेआम बेइज्जत किया गया। मौके पर किसान फूट-फूटकर रोए। किसानों का कोई जुर्म नहीं था। कहा कि एक दिन पूर्व ही जिला प्रशासन ने सुबह 6 से 7 बजे तक सामाजि दूरी बनाकर सब्जी बेचने की छूट दी थी। ऐसे में किसान आए और सब्जी बेंचकर लौटने की तैयारी में थे कि तभी पुलिस ने तांडव शुरू कर दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि तत्काल सब्जी फल उत्पादक किसानों के लिए ठोस रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा है कि जिले को ऐसा एसपी नहीं चाहिए। बताया कि पिछले दिनों एसपी की मौजूदगी में सड़क पर किसान को लाठी-डंडों से पीटा गया था तथा मीडिया कर्मियों ने जब घटना का वीडियो जारी किया तो उनका मोबाइल पुलिस ने छीन लिया जो बेहद निंदनीय है। तत्काल ऐसे अधिकारी को वापस बुलाया जाए अन्यथा किसानों को पुलिस से सीधी लड़ाई के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
उन्होंने रीवा जिले के प्रभारी मंत्री सहित सांसद, स्थानीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि ने मिलकर जिला प्रशासन की उपस्थिति में सब्जी फल उत्पादक किसानों के लिए कोई रणनीति नहीं बनाई , जिसके चलते किसानों के फल व सब्जियां खेतों में नष्ट हो रहे हैं। किसान से देखा नहीं जाता क्योंकि उसने सारी पूंजी लगाकर सब्जियां तैयार की है। मजबूर होकर उसे बाजार आना पड़ रहा है। शहर में रह रहे लोगों को भी इस बीमारी में सब्जियों की आवश्यकता है।