उन्होंने कहा कि दक्षता उन्नयन कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक बेहतर कार्ययोजना तैयार कर छात्रों को अध्ययन करायें। इसके साथ ही उन्होंने विद्यालयों की सतत मॉनीटरिंग के लिए 352 दल गठित किए है। समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि इस वर्ष के शैक्षणिक सत्र में स्कूलों का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत आए, इसके लिए प्रत्येक शिक्षक अपना लेशन प्लान बनाए।
शिक्षक लेशन प्लान के अनुसार ही छात्रों को पढ़ायें, अपनी दैनंदनी भरें, छात्रों को अध्ययन कराए। साथ ही होम वर्क दें और होमवर्क नियमित रूप से चेक करें। कलेक्टर ने स्कूल एवं प्राचार्यवार समीक्षा कर त्रैमासिक परीक्षा के दौरान छात्रों का कम परीक्षा परिणाम आने पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सुपर एक हजार और सुपर 151 चयनित स्कूलों की कक्षायें नियमित रूप से लगे।
परीक्षा परिणाम सुधारने के लिये छात्रों को अध्ययन कराने के लिये प्रभावी र्कायोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन करे। पूर्व में मिड-लाइन योजना के तहत स्कूलों को 90 प्रतिशत परीक्षा परिणाम लाने का लक्ष्य दिया गया था, इस पर कड़ाई से अमल कर परीक्षा परिणाम सुधारें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा, प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी भारती श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक शिक्षा अंजनी त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी आरएन पटेल उपस्थित थे।