संभागायुक्त ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया है कि दस्तक अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अभियान का क्रियान्वयन करने वाले विभागों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, समाजसेवियों की जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाय। इस अभियान के माध्यम से बाल मृत्यु दर में वांछित कमी लायी जा सकती है तथा बच्चों में जन्मजात विकृतियों सहित अन्य गंभीर बीमारियों की पहचान कर उसका निवारण किया जा सकता है।
दस्तक अभियान स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की समन्वितरण नीति है जिसका आयोजन 6 माह के अंतराल से बाल्यकालीन दस्तरोग एवं बाल्यकालीन निमोनिया बाहुल्य माहों में किया जाता है। वर्ष 2019-20 में दस्तक अभियान प्रथम चरण का आयोजन दिनांक 10 जून से 20 जुलाई के मध्य किया जाना है। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त दल एनण्एनण्एमण् आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा 5 वर्ष से छोटे बच्चों वाले परिवारों में घर तक स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं की दस्तक देकर बच्चों में पाई जाने वाली बीमारियों की सक्रिय पहचान एवं उचित प्रबंधन सुनिश्चित करेगा।
संभागायुक्त ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया है कि दस्तक अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अभियान का क्रियान्वयन करने वाले विभागों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, समाजसेवियों की जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की जाय5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सामुदायिक स्तर पर सक्रिय पहचान कर त्वरित प्रबंधन किया जाए ताकि बाल मृत्युदर में वांछित कमी लाई जा सके।