क्षेत्रीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को आवेदन देने के बावजूद ग्रामीणों की समस्याएं दूर नहीं हो रहीं। यह हम नहीं कह रहे बल्कि विभागीय अधिकारियों की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट खुद ब खुद बता रही है। प्रतिनिधि भी बैठकों में चर्चा करने के बाद भूल जाते हैं।
जिला पंचायत को विभागीय अधिकारियों ने जानकारी प्रस्तुत की गई है। जिले में ३३३ नलजल परियोजनाएं स्थापित की गई हैं। सबसे ज्यादा रीवा और गंगेव जनपद एरिया में लगाई गई हैं। जबकि नलजल परियोजनाएं बंद सबसे ज्यादा सिरमौर और त्योंथर जनपद में हैं। रीवा जनपद के रुपौली गांव में लाखों रुपए की नलजल परियोजना जलस्रोत फेल होने के कारण बंद पड़ी है। लाखों रुपए के उपकरण कबाड़ हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी योजना पर निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इसी तरह गंगेव के लालगांव में जलस्रोत अफसल होने के चलते परियोजना लंबे समय से बंद है। जवा के पैरा गांव में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण गांव में लंबे समय से जलसंकट खड़ा है। रीवा जनपद के अगडाल में नलजल योजना की पाइप लाइन लंबे समय से क्षतिग्रस्त हो गई है। कई बार ग्रामीणों ने आवेदन दिया। इसके बावजूद न तो विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे हैं और न ही प्रतिनिधियों की सेहत पर फर्क पड़ रहा है।
जिले में पिछले कई साल से सिरमौर नगर पंचायत सहित आधा दर्जन से ज्यादा नगर पंचायतों में मुख्यमंत्री पेयजल योजना का निर्माण कराया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों की अनदेखी के चलते निर्माण अधूरा है। जिन नगर पंचायतों में निर्माण पूरा हो गया है। वहां पर अव्यवस्था के चलते चालू नहीं हो सकी है। करोड़ों रुपए की पेयजल परियोजनाएं धूल फांक रही हैं।
जिले में अमवा, रामकुई, भुण्डहा, उमरी, संसारपुर, घुचियरी, डगरदुआ, नर्रहा, देवगांव, रिमारी, सथिनी, माड़ौ, पल्हान, गुहिया-१३५, डढिय़ा, तिघरा, बरवाह, नगमा, खारा, जिरौंहा, सहित कुल ४२ पंचायतों में पेयजल का संकट बरकरार है। बस्ती के लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है।
मऊगंज में दो दिन से मोटर पंप जला
जिले के मऊगंज नगर परिषद एरिया में मोटर पंप जल जाने के चलते दो दिन से पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। मोहल्ले में पीने के पानी के लिए रहवासी परेशान हैं। नगर के वार्ड ४ में के पार्षद बृजेश गुप्ता ने बताया कि नगर परिषद की ओर से मोटर पंप के रिपेयरिंग के नाम पर घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जिससे मोटर पंप आए दिन जल जाती है। ब्रांडेट कंपनी के नाम पर बिल लगाकर कामचलाऊ मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है।