– निगम की अभी नहीं शुरू हुईं तैयारियां
स्व’छता सर्वे में बीते वर्षों में नगर निगम की शुरू से ही बेहतर तैयारियां रहती थी लेकिन इस वर्ष अब तक सर्वे के लिए शहर में माहौल तैयार नहीं किया जा सका है। बीते महीने कुछ बैठकें जरूर हुईं लेकिन उनमें हुई चर्चा के अनुसार शहर में कार्य नहीं दिख रहे हैं। बारातघरों, होटल, नर्सिंगहोम, शापिंग काम्पलेक्स सहित अन्य संस्थाओं के भवनों में स्व’छता के इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रही हैं। निगम द्वारा नियुक्त किए गए एनजीओर पर्यावरण वाहिनी ने कुछ मोहल्लों में नुक्कड़ सभाएं कर जागरुकता की शुरुआत की है। निगम द्वारा दावा किया जा रहा है कि मुख्य सर्वे होने से पहले सारी व्यवस्थाएं दुरुस्थ कर ली जाएंगी।
– यहां जानिए पूछे जाने वाले कुछ सवाल और शहर के हालात
– सवाल- क्या आपके यहां से हर दिन कचरा उठ रहा है ?
हालात- शहर में डोरटूडोर कचरा कलेक्शन के लिए रीवा एमएसडब्ल्यू होल्डिंग कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। कुछ मोहल्लों में वाहन नियमित जा रहे हैं लेकिन अधिकांश जगह से शिकायतें आ रही हैं हर दिन समय पर वाहन नहीं पहुंच रहा है। शहर के आउटर वार्डों में इस सेवा का बुरा हाल है।
सवाल-सूखा और गीला कचरा अलग हो रहा है या नहीं ?
– हालात- इसके लिए कई वर्षों से नगर निगम ने लोगों को जागरुक करने का प्रयास किया है लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। कुछ जगह अलग-अलग कचरा रखा जाता है लेकिन कचरा वाहन में दोनों इकट्ठा हो जाते हैं और डंपिंग यार्ड में फेंका जाता है। निगम के स्तर पर व्यवस्था नहीं बनाई गई है।
सवाल- स्व’छता के संदेश शहर में लिखे गए हैं या नहीं ?
हालात- बीते साल जब सर्वे शुरू किया गया था, उस समय शहर में 20 गेंट्री और 60 होर्डिंग एवं करीब तीन सौ की संख्या में फ्लैक्स बोर्ड लगाए गए थे। इस साल अभी शहर में स्व’छता सर्वेक्षण को लेकर कोई संदेश लिखे नजर नहीं आते। कचरा कलेक्शन वाहनों में जरूर तीन साल पुराने गाने बजाए जा रहे हैं और स्व’छता की अपील की जा रही है।
सवाल- अपने स्तर पर खाद बनाने बढ़ावा दिया अथवा नहीं
हालात- इस कार्य में नगर निगम अभी पूरी तरह से असफल है। जबकि पिछले वर्ष भी कहा गया था कि लोगों को प्रेरित करें कि वह अपने यहां से निकलने वाले कचरे से खाद बनाएं और उसका स्वयं उपयोग करें। होटल, नर्सिंगहोम, शैक्षणिक संस्थान, व्यवस्थित आवासीय कालोनी एवं अन्य प्रमुख स्थानों पर इसे किया जा सकता है।
सवाल- सड़क पर मलबा दिखाई देता है क्या?
हालात- इस पर काफी हद तक नियंत्रण हुआ है। इसके बावजूद कई ऐसे प्रमुख स्थल हैं, जहां दोपहर बाद तक कचरे का ढेर लगा रहता है। साथ ही बिल्डिंग मटेरियल का मलबा सबसे अधिक परेशान कर रहा है। इसके बारे में लोगों ने अपने जवाब में भी कहा है कि यह व्यवस्थित हो तो ठीक रहेगा। कोष्टा में इसके लिए प्लांट भी लगाया गया है लेकिन वह अभी प्रारंभ नहीं हुआ है।
सवाल- सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव ठीक है या नहीं ?
हालात- इस पर जो कमियां थी, उन्हें बीते महीने ही सुधारा गया है। रखरखाव करने वाली एजेंसी को बदलने की चेतावनी दी गई थी। जिसके बाद व्यवस्थाएं सुधारी गई हैं। कुछ स्थानों पर गंदगी भी मिलती है।
सवाल- कैरीबैग और प्लास्टिक का उपयोग कैसा है ?
हालात- इसके लिए बीते महीने कुछ दुकानदारों पर जुर्माना भी लगाया गया फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ है। पूरे शहर में धड़ल्ले के साथ प्रतिबंधित पालीथिन का उपयोग किया जा रहा है।
सवाल- सफाई से आप कितना संतुष्ट हैं
हालात- इस सवाल पर लोग अपने विवेक के अनुसार जवाब दे रहे हैं। कुछ तो ऐसे हैं कि उनके मोहल्ले में सफाई पर्याप्त होने के बाद भी असंतोष जाहिर कर रहे हैं। वहीं कइयों ने अव्यवस्थाओं के बावजूद कहा है कि वह व्यवस्था से संतुष्ट हैं।
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सहजता से नहीं दे पाती सवालों के जबाव
शहर में जिन लोगों के पास फोन आए हैं, उनका कहना है कि इतना अधिक सवाल पूछा जा रहा है कि वह सहजता से जवाब नहीं दे पाते। घोघर मोहल्ले में रहने वाली रूबीना का कहना है कि उनसे जो सवाल पूछे गए, सभी का उत्तर दिया है। वह अपने शहर को स्व’छता में बेहतर रैंक पर देखना चाहती हैं।
– ऐसे बांटे गए हैं सर्वेक्षण के अंक
कुल सर्वेक्षण के अंक- 6000
– सिटीजन फीडबैक- 1500
– डायरेक्ट आब्जर्वेशन- 1500
– सर्टिफिकेशन- 1500(500 ओडीएफ के)
– सर्विस लेवल प्रोग्रेस- 1300
– एवरेज रैंक तीनों लीग के -200