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रीवा

शिक्षक ने जूते और कपड़े कलेक्ट्रेट पर त्याग दिए, बोले भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी

– शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जांच कराने और कार्रवाई की मांग को लेकर चल रहा था धरना
– कलेक्ट्रेट के गेट पर अपना कपड़ा और जूता छोड़कर समाप्त किया धरना

रीवाFeb 15, 2019 / 12:31 pm

Mrigendra Singh

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Teacher abandoned shoes and clothes on the collectorate, corruption

रीवा। कलेक्ट्रेट के सामने भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठे शिक्षक ने गुरुवार को हैरान करने वाला कदम उठाया। तीन दिन तक प्रशासन ने जब मांगों पर कार्रवाई नहीं की और कलेक्टर ने धरना समाप्त करने की चेतावनी दे दी। तब शिक्षक मुद्रिका प्रसाद त्रिपाठी ने कपड़े और जूतों का त्याग कर कहा कि अब जीवन पर्यन्त ऐसे ही रहेंगे।
मुद्रिका ने बताया कि शिक्षा विभाग में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो वह संरक्षण देने का काम करते हैं। देश बचाओ अभियान संगठन के बैनर तले अनशन किया जा रहा था। कुछ समय पहले शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कटरा में पदस्थ सहायक ग्रेड तीन वीरेन्द्र सिंह का एक शिक्षक से सेवा पुस्तिका संधारण के नाम पर रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ था। उक्त कर्मचारी को निलंबित करने की मांग को लेकर यह आंदोलन शुरू किया गया था। सायं पांच बजे तक कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अनशनकारी शिक्षक मुद्रिका प्रसाद ने ऊपरी वस्त्रों एवं जूतों का त्याग कर विरोध शुरू किया है
। ये मऊगंज के अमोखर विद्यालय में पदस्थ हैं और सेवा में रहते हुए विभाग के भ्रष्टाचार के विरोध में आंदोलन शुरू किया है। मुद्रिका ने बताया कि कलेक्टर ने मांगे सुनने के बजाय जेल में भेजने की चेतावनी दी थी, इसलिए ऐसा कदम उठाना पड़ा है। चार बिन्दुओं पर मांग उठाई जा रही थी, कटरा की रिश्वतखोरी तो एक वानगी मात्र है। जो रुपए नहीं देता उसका काम यहां नहीं होता।
पहले भी 12 वर्ष तक कर चुके हैं कपड़ों का त्याग
भ्रष्टाचार के मामले में कपड़े और जूते त्यागने का मुद्रिका प्रसाद का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले २ अक्टूबर २००४ को भी उन्होंने विभाग के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं होने पर ऊपरी कपड़े और जूते नहीं पहनने का संकल्प लिया था। लगातार १२ वर्षों तक नंगे पॉव और तौलिया लपेटकर ही वह शिक्षण एवं अन्य कार्य करते रहे। इस बार फिर उसी तरह का निर्णय लेकर सुर्खियों में आ गए हैं।
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प्रदर्शन के बाद हुआ निलंबन
जिस मांग को लेकर अनशन किया जा रहा था, उसे सायं पूरा भी कर लिया गया है। जैसे ही सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हुई कि भ्रष्टाचार के विरोध में शिक्षक ने वस्त्र त्याग दिए हैं, कुछ ही देर के बाद संयुक्त संचालक लोक शिक्षण ने सहायक ग्रेड तीन वीरेन्द्र सिंह का निलंबन करते हुए सिरमौर के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच कर दिया। बताया गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उक्त कार्रवाई के लिए प्रस्ताव ६ फरवरी को ही भेज दिया गया था लेकिन जेडी कार्यालय में फाइल दबी रही।

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