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रीवा

3 महीने से लगातार कर रहे थे बिना वेतन काम, अवसाद में खा ली ये दवा, हालत खराब

– पेशे से शिक्षक की माली हालत हो गई थी खराब- बढता ही जा रहा था कर्ज

रीवाAug 12, 2020 / 05:40 pm

Ajay Chaturvedi

teacher attempted suicide (Symbolic photo)

teacher attempted suicide (Symbolic photo)

रीवा. सरकार चाहे केंद्र की हो या राज्य की, दावे तो बहुत किए जा रहे हैं, पर मिडिल क्लास की हालत बेहद नाजुक है। इस मिडिल क्लास के बारे में किसी तरह की कोई योजना लागू न होने से वो परेशान हैं। कर्ज तले डूब चुके हैं। इसकी आशंका पहले से ही जताई जा रही है, लेकिन आरोप है कि सरकारें केवल कमजोर तबके और अति धनाढ्य वर्ग पर ही ध्यान केंद्रित किए है।
ऐसा ही एक केस रीवा में सामने आया जहां तीन महीने से बिना वेतन काम कर रहे एक शिक्षक इस कदर अवसाद में आए कि उन्होंने प्रचुर मात्रा में नशीली दवा खा ली। इसके बाद उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई तो परिवार के लोगों ने संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया है। वहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
शिक्षक संजीव शुक्ला गंगेव ब्लॉक में सरकारी स्कूल में सेवा दे रहे हैं। वह नियमित तौर पर अध्यापन कार्य से जुड़े हैं पर उन्हें वेतन नहीं मिल रहा। शिक्षक संजीव परिवार के अकेले नौकरी पेशा हैं। घर का मुखिया होने के नाते परिवार का खर्च उन्हें ही वहन करना होता है जो स्वाभाविक है। लेकिन वेतन न मिलने के कारण कर्ज लेकर किसी तरह परिवार चला रहे थे। कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा था जिससे वह तनाव में थे। तनाव को दूर करने के लिए वह दवा भी ले रहे थे। लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा था। ऐसे में उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश में ज्यादा मात्रा में नशीली दवाइयां खा लीं जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है।
शिक्षक संगठन ने अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

शिक्षक संजीव की हालत की जानकारी लगते ही शिक्षक संगठन ने वेतन भुगतान को लेकर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि इसी तरह के हालत बने रहें तो आने वाले समय में शिक्षकों की हालत और खराब होगी तथा वे इस तरह का कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उनका कहना था कि शिक्षक, ऑनलाइन पढ़ाई का दायित्व तो निभा ही रहे हैं, साथ ही उन्हें इसके अतिरिक्त जो भी जिम्मेदारी दी जाती है उसे भी पूरा करने में जुटे हैं। लेकिन वेतन के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिल रही है, जिससे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति गंभीर होती जा रही है। यह सब जानते हुए भी शिक्षा अधिकारियों से लेकर सरकार और जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे बैठे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।
“तीन माह से वेतन नहीं मिला रहा है, जिसके चलते कर्ज लेकर काम कर रहे हैं। इस समस्या से मेरा भाई तनाव में था और उसने ज्यादा मात्रा में दवाइयों का सेवन कर लिया। उसकी तबियत बिगड़ गई है जिसके चलते अस्पताल में भर्ती करवाएं है।-मुनि प्रसाद पांडेय, मौसेरा भाई
“शिक्षकों का वेतन भुगतान करवाया जा रहा है। गंगेव ब्लॉक में कुछ समस्या आई है। ऐसा संबंधित बाबू की तबियत खराब हो जाने के कारण है। दस्तावेज मंगाए जा रहे हैं। सभी का वेतन भुगतान करवाया जाएगा।”-आरएन पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी

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