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रीवा

जिंदा आदमी ने आरटीआई में मांगी मृत होने के प्रमाण, जानिए क्यों

आरटीआई के तहत पीडि़त ने मांगी जानकारी, राज्य सूचना आयुक्त के निद्रेश पर भी नहीं दी गई जानकारी

रीवाDec 18, 2017 / 08:54 pm

Lokmani shukla

The man alive is the proof of dead being sought in RTI know why

The man alive is the proof of dead being sought in RTI know why

रीवा। पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग भोपाल में पदस्थ कर्मचारी यदुवंश मिश्रा मूल निवासी ग्राम बम्हौरी को नायब तहसीलदार बनकुइयां सर्किल ने मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं मृत घोषित करने के बाद उनकी जमीन का वारिसना भी कर दिया।
आईटीआई में मांगी जानकारी
नायब तहसीलदार द्वारा रास्जव प्रकरण मृत घोषित होने के बाद जीवित यदुवंश मिश्रा के पैरों ताले जमीन खिसक गई। इसके बाद उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। लेकिन अपना कारनामा छिपाने नायब तहसीलदार और फिर तहसीलदार ने सूचना के अधिकार अंतर्गत जानकारी ही नहीं दी।
सूचना आयुक्त कहा दो जानकारी
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी नहीं मिलने पर कर्मचारी ने ने राज्य सूचना आयुक्त से जानकारी उपलब्ध कराने की अपील की, जिसे स्वीकार करते हुए सूचना आयुक्त ने जिम्मेदारों को जानकारी देने का निर्देश दिया है। वहीं इसकी खबर से राजस्व विभाग में हड़कंम मचा है।
जमीन नामांतरण का मामला
यदुवंश मिश्रा ने बताया कि पैतृक गांव बम्हौरी में उनकी पुस्तैनी जमीन है। इस जमीन के नांमातरण को लेकर प्रकरण क्रमांक 59/अ6अ/ वर्ष 15-16 नायब तहसीलदार बनकुइंया सर्किल हुजूर तहसील में प्रस्तुत हुआ था। इसमें 23 अक्टूबर 2015 को नायब तहसीलदार ने यदुवंश मिश्रा को मृत बताते हुए जमीन का नामांतरण अन्य व्यक्तियों के नाम पर कर दिया है।
नहीं मार रहे सूचना आयुक्त का आदेश
नायब तहसीलदार मृत घोषित होने के बाद मई 2016 में सूचना के अधिकार अंतर्गत पीडि़त ने विभाग से जानकारी मांगी। जानकारी नहीं मिलने पर पीडि़त ने राज्य सूचना आयुक्त से अपील की। 21 अगस्त 2017 को अपील स्वीकार करते हुए आयुक्त ने जानकारी देने का आदेश दिया। इसके बावजूद भी अब तक पीडि़त को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है।

जमीन वापस लेने लडऩी पड़ रही लड़ाई
नायब तहसीलदार जिंदा होने के बाद उसकी जमीन दूसरों के नाम नामांतरण हो गया है। इस उसे वापस जमीन लेने के नामांतरण आदेश निरस्त कराने उसे राजस्व न्यायालयों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
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