उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी इसका प्रमाण भी उपलब्ध कराएंगे कि वह मुख्यालय में रह रहे हैं और लोगों की समस्याएं भी सुन रहे हैं। आदेश में कलेक्टर ने यह भी कहा है कि यह बात तब पकड़ में आई जब नईगढ़ी में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान विकासखंड स्तरीय एक अधिकारी के मुख्यालय में रहने को प्रमाणित करने हेतु जिला स्तरीय दल भेजा। तब मालुम हुआ कि संबंधित अधिकारी मुख्यालय में निवास नहीं करते बल्कि आप-डाऊन करते हैं। संबंधित अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया।
कलेक्टर ने पुन: आदेश दिया है कि विभाग प्रमुखों द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र में विश्वसनीयता की कमी के कारण जिले के अधिकारी कर्मचारियों के मुख्यालय पर मुलाकात कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत प्रत्येक विभाग प्रमुख आगामी एक माह में विकासखंड स्तर के अपने समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों के निवास पर जाकर उनके साथ बैठेगें। निवास की फोटो खीचकर भेजेंगे तथा उनका मुख्यालय में निवास करना प्रमाणित करेंगे। जिला स्तरीय दल विभिन्न मुख्यालय पर जाकर दिए गए पते पर रात्रि के समय संबंधित अधिकारी से मुलाकात करेंगे। कलेक्टर ने कहा कि दौरों के समय वे भी विभिन्न अधिकारियों के बताए गए पते पर जाकर उनसे मुख्यालय में मुलाकात करेंगे। इसी प्रकार समस्त विकासखंड स्तरीय अधिकारी अपने अधीनस्थ ग्रामीण स्तर के मुख्यालय वाले अधिकारी, कर्मचारियों के आवासों में जाकर उनसे मुलाकात करें और प्रमाणित करें कि वे नियमानुसार मुख्यालय में निवास कर रहे है।