देररात में चोर अस्पताल की खिड़की तोड़कर अंदर दाखिल हुए थे। घटना के समय वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। इत्मिनान से चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। कार्यालय के अंदर से चार कम्प्यूटर सेट, दो प्रिंटर, सीपीयू व दस्तावेज पार कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देकर चोर निकल गये लेकिन किसी को भनक तक नहीं लग पाई। सुबह जैसे ही स्टाफ अस्पताल पहुंचा तो घटना की जानकारी होने पर उनके होश उड़ गये।
बीएमओ को घटना की जानकारी दी जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। इस दौरान पुलिस मौके पर पहुंची जिसने घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटना में शामिल चोरों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस स्थानीय बदमाशों का हाथ होने की आशंका जता रही है। इस घटना ने मऊगंज में रात्रि गश्त की कलई खोलकर रख दी है। कानून और व्यवस्था को लेकर थाना प्रभारी की उदासीनता ने अपराधियों के हौंसले बुलंद कर रखे है।
उक्त अस्पताल में दो माह के भीतर चोरी की यह दूसरी घटना है। इससे पूर्व 13 फरवरी को चोरों ने अस्पताल में धावा बोला था और एक दो नहीं बल्कि पूरे दस कमरों का ताला तोड़कर वहां से सामान उठा ले गये थे। इसके अतिरिक्त परिसर में स्थित किराना दुकान को भी निशाना बनाया था। उक्त वारदात को अंजाम देने वाले चोरों का पुलिस पता भी नहीं लगा पाई थी कि चोरों ने फिर घटना को अंजाम दे दिया।