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रीवा

शहर में कोई व्यापार अब निगम की बिना अनुमति नहीं होगा संचालित, यहां जानिए नए सिरे कैसे बनाई जा रही व्यवस्था

 
– ट्रेड लाइसेंस जारी करने के लिए 256 प्रकार के कारोबार चिन्हित- रीवा में पहली बार अनुज्ञा शुल्क के लिए अधिनियम की उपविधि का प्रयोग करने की तैयारी

रीवाOct 16, 2019 / 12:22 pm

Mrigendra Singh

रीवा। शहर में व्यापार करने वालों के लिए अब नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। यदि ऐसा कोई कारोबारी या व्यवसाई ऐसा नहीं करेगा तो निगम उस पर जुर्माना लगाने के साथ ही प्रतिष्ठान में तालाबंदी जैसी बड़ी कार्रवाई कर सकेगा। इसके लिए नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 366 एवं धारा 427 की उपविधियों एवं उसके अधीन बनाई गई शर्तों को प्रभावी करने की तैयारी है। नगर निगम अधिकारियों ने इस व्यवस्था के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
अब निगम परिषद की स्वीकृति मिलते ही शहर में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। जिसके तहत नगर निगम सीमा के क्षेत्र में होने वाले हर तरह के व्यापार को शामिल किया जाएगा। नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस नंबर लेने के बाद संबंधित व्यवसाई को अपने बिल बुक और रसीद में भी इसका उल्लेख करना अनिवार्य होगा। इसके बिना कारोबार अवैध माना जाएगा और निगम कार्रवाई कर सकेगा।
सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत रीवा शहर में पहली बार इस तरह की व्यवस्था बनाई जा रही है। इस प्रस्ताव को स्वीकृत करने के लिए परिषद के लिए भेज दिया है। आगामी परिषद की जब भी बैठक होगी, इसमें चर्चा की जाएगी और तय होगा कि किस दर पर लाइसेंस फीस ली जाए। अभी निगम अधिकारियों ने हर व्यवसाय के लिए अलग-अलग शुल्क का निर्धारण किया है।
नगर निगम ने उस व्यवसायिक कारोबार को चिन्हित किया है जो शहर में संचालित हो रहे हैं। इसमें ऐसा कोई भी कारोबारी नहीं होगा जो निगम के ट्रेड लाइसेंस के बिना कारोबार कर पाएगा। लाइसेंस जारी करने के बाद इसके जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और यदि बिना लाइसेंस कारोबार संचालित होना पाया जाएगा उसे अवैध मानते हुए संबंधित पर कार्रवाई होगी।

– 256 तरह के व्यवसाय चिन्हित किए गए
नगर निगम ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें 256 तरह के व्यवसाय को चिन्हित किया गया है। सभी के लिए अलग-अलग लाइसेंस शुल्का होगा। इसमें प्रमुख रूप से कालोनाइजर्स, दुकानें, निजी शैक्षणिक संस्थान, बिल्डिंग मटेरियल, आटो मोबाइल, इंश्योरेंश कंपनी, वाहन गैराज, सर्विस सेंटर, वाहनों के शोरूम, पेट्रोलपंप, सिनेमाघर, होटल, कमीशन एजेंट, फाइनेंस कंपनी, ठेकेदारी, एजेंसियां, घरेलू उपयोग की सामग्री निर्माता, खाद्य और पेय पदार्थों से जुड़े निर्माता एवं विक्रेता, सब्जी एवं फल विक्रेता, आतिशबाजी, शराब दुकानें एवं अन्य मादक पदार्थ, Óवेलर्स, लकड़ी कारोबारी, होजरी, दूध उत्पाद से जुड़े व्यवसायी, मांस, मछली, अंडा-मुर्गे विक्रेता, रबर, फोम, रेग्जीन, डिस्पोजल सामग्री के कारोबार, अस्त्र-शस्त्र कारोबार, आटा-मशाला चक्की, कपड़ों से जुड़े हर तरह के व्यवसाय, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक सामग्री के निर्माता एवं विक्रेता, धर्मशाला, लाइट-साउंड, ब्यूटीपार्लर, प्लंबर, सप्लायर्स, गोडाउन, बैंकिंग, साइबर कैफे, एक्सरे सेंटर, शापिंग माल, सजावट सामग्री, Óयोतिषी, कम्प्यूटर एवं डिजाइन, विज्ञापन, होटल, टिफिन सेंटर, कैंटीन, मेडिकल से जुड़े हर तरह के व्यवसाय, कृषि से जुड़े व्यवसाय, मिनरल वाटर, मैरिज गार्डन, म्यूजिक सेंटर, फोटो स्टूडियो, पूजा सामग्री, पशुओं से जुड़े कारोबारी, हेल्थ क्लब, हाउस कीपिंग, अस्थाई लाइसेंस, हेयर सैलून, सिक्योरिटी सर्विस, छोटे एवं बड़े उद्योगों सहित अन्य हर तरह के व्यवसाय को चिन्हित किया गया है।

500 से 25 हजार रुपए तक ट्रेड लाइसेंस शुल्क निर्धारित
निगम ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें 500 रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए शुल्क देना होगा। कारोबार के हिसाब से शुल्क का निर्धारण भी किया गया है। सबसे अधिक शुल्क 25 हजार रुपए कालोनाइजर्स से लिया जाएगा। इतना ही शुल्क शराब दुकान के थोक विक्रता को भी देना होगा। इसके अलावा मल्टीब्रांड बिग बाजार का 20 हजार रुपए का निर्धारण किया गया है। इसके साथ ही अन्य को कारोबार के अनुसार राशि देनी होगी।

– ये शर्तें भी रखी गई
– निगम क्षेत्र में संचालित सभी प्रकार के व्यापार या कारखाने का ट्रेड लाइसेंस लेना आवश्य होगा। पहले संचालित हैं या फिर आगे होंगी, सब पर नियम लागू होगा।
– एक अप्रेल से 31 मार्च के वित्तीय वर्ष के हिसाब से अनुज्ञप्ति जारी होगी। समय पर राशि जमा नहीं करने पर दस प्रतिशत विलंब शुल्क भी लगेगा।
– व्यवसाय के अनुसार निजी कार्य करना या न करना यह ठहराने का अधिकार निगम आयुक्त के पास होगा।
– अनुज्ञा शुल्क तीन वर्ष में एक बार पुनरीक्षित किया जाएगा।
– ट्रेड लाइसेंस की मूल प्रति की फ्रेमिंग कराकर व्यवसायिक प्रष्ठिान में लगाना अनिवार्य होगा।
– व्यवसाय से जुड़ी जानकारी छिपाए जाने पर आयुक्त द्वारा प्रस्तावित दंड राशि अनिवार्य रूप से भुगतान करना होगा। इसकी आपत्ति से जुड़ी सुनवाई आयुक्त ही करेंगे।
– ट्रेड लाइसेंस के बिना कारोबार करने पर जुर्माना एवं कारोबार पर रोक लगाने का अधिकार भी निगम के पास होगा।

शासन का निर्देश है कि निगम क्षेत्र के व्यवसायिक कारोबार को ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाए। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। परिषद की स्वीकृति के बाद यह प्रभावी हो जाएगा। बिना ट्रेड नंबर कारोबार अवैधानिक माना जाएगा और उस पर नियमानुसार कार्रवाई भी निगम करेगा।
अरुण मिश्रा, संपत्ति अधिकारी नगर निगम

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