प्राचार्य डॉ. रामलला शुक्ला ने कालेज से जुड़ा प्रतिवेदन पेश किया। जिसमें बताया गया कि वर्ष 1869 में तत्कालीन रीवा नरेश महाराजा रघुराज सिंह जूदेव ने इस कालेज की स्थापना कराई थी।
आगामी वर्ष २०२० में कालेज की स्थापना के 150वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बघेलखंड का हर परिवार ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय से कहीं ना कहीं जुड़ा हुआ है। हर परिवार का कोई न कोई व्यक्ति इस महाविद्यालय से पढ़कर निकला है और वह इस महाविद्यालय का एलुमनी है।
इसलिए महाविद्यालय के 150 वर्ष पूर्ण होने पर एक भव्य अकादमिक कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। जनभागीदारी समिति ने सर्वसम्मति से भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी। प्राचार्य ने यह भी बताया कि वर्ष 1994 में स्वशासी महाविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है। सन् 2002 में इस महाविद्यालय को सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स घोषित किया है।
नैक द्वारा 2009 एवं 2016 में ‘ए’ गे्रड प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 18 मार्च 2010 को महाविद्यालय को सीपीई का दर्जा प्रदान किया गया है। बैठक में समिति अध्यक्ष दिवाकर द्विवेदी के साथ ही प्राचार्य रामलला शुक्ला, प्रो. अजयशंकर पाण्डेय, प्रो. संजय शंकर मिश्र, डॉ. संजय सिंह, डॉ. अखिलेश शुक्ल, विवेक दुबे, सरिता मिश्रा, अमित गौतम, सुन्दरलाल कोल, सुमेश अवस्थी, प्रहलाद विश्वकर्मा, राजीव सिंह, अरूण शुक्ला आदि उपस्थित रहे।