समस्याएं हर जगह होती हैं लेकिन उनसे जूझते हुए चट्टानों की तरह मजबूत इरादों से बच्चों को शिक्षित करें। साथ ही यह भी कहा कि खराब परीक्षा परिणाम पर हम कार्रवाई कर सकते हैं लेकिन उससे परिणाम नहीं सुधरेगा। यह तभी होगा जब शिक्षक अपने को स्वयं सजा दें, अच्छी मेहनत कर बेहतर परिणाम लाएं। उन्होंने शिकंदर और अरस्तु की कहानी सुनाकर बताया कि गुरुओं का समाज में कितना सम्मान है, यह भारत आने के बाद शिकंदर जैसे तानाशाह को भी प्रभावित कर गया। इसलिए गुरु का सम्मान बनाए रखने के लिए मेहतन से काम करें।
इस दौरान संयुक्त संचालक लोक शिक्षण अंजनी त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अच्छे शिक्षक ही देश के भविष्य का निर्माण करते हैं। उन्होंने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की समझाइश दी। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्धारित किए गए 7 बिन्दुओं का पालन करते हुए बच्चों को शिक्षा देने का निर्देश दिया। जिला शिक्षा अधिकारी रामनरेश पटेल ने कहा कि कमिश्नर डॉ. भार्गव के मार्गदर्शन में जून माह से लगातार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर उपायुक्त नगर निगम अरूण मिश्रा, प्राचार्य बीएड कॉलेज प्रफुल्ल शुक्ला, प्राचार्य डाइट एसएन शर्मा सहित विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रधानाध्यापक उपस्थित थे।
इंदौर वालों की तरह गर्व से कहिए हम रीवा के हैं
संभागायुक्त ने शिक्षकों से उनके शैक्षिक कार्यों के साथ ही स्वच्छता को लेकर भी चर्चा की। कहा कि जिस तरह देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर है और वहां के लोग अपना पता गर्व के साथ बताते हैं, इसलिए रीवा के लोग भी उसी तरह स्वच्छता में सहयोग दें ताकि इसे नंबर एक शहर बनाकर हम सब भी गर्व से कह सकें कि हम रीवा के हैं। उन्होंने स्वच्छता को स्वास्थ्य और तरक्की से जोड़ते हुए कईकहानियां भी शिक्षकों को सुनाई।
अवसर है कि रीवा को अच्छी रैंकिंग दिलाईजाए,इसलिए सब मिलकर काम करें। इस दौरान निगम के स्वच्छता प्रेरक प्रमुख रवि सिन्हा ने शिक्षकों को एप डाउनलोड करने का तरीका बताया और सिटीजन फीडबैक देने की जानकारी दी।