गंगेव ब्लॉक अन्तर्गत आने वाले कैथा ग्राम को नलजल योजना से जोड़े जाने के लिए मांग की जा रही है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। हैण्डपंप खराब होने से लोग पेयजल के लिए भटक रहे हैं। वहीं हिनौती, बांस, लालगांव एवं हिरुडीह सहित दर्जनों पंचायतों में पूर्व से संचालित नलजल योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं। लाखों का बजट खर्च करने के बाद भी नलजल योजनाएं चालू नहीं कराई जा सकी हैं। विभाग के अधिकारी और जिले के कलेक्टर भी जल संकट से निपटने के लिए दावे तो करते हैं लेकिन हकीकत में गांव की बस्तियों के लोग मीलों दूर जाकर निजी बोर से पानी ढो रहे हैं।
इन गांवों में स्थिति गंभीर
त्योंथर तहसील में सोहागी घाट के ऊपर आने वाली दर्जन भर पंचायतों बरहट, देउर, कलवारी, कटरा, घुमा, डाढ़, जमुई आदि पंचायतों में पेयजल की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है। मामला यद्यपि कई मर्तबा पीएचई विभाग और शास- प्रशासन के समक्ष उठाया गया लेकिन अभी तक सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं। पीएचई विभाग ने तो जलसंकट को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। जिसका खामियाजा गांव के लोग भुगत रहे हैं।
ठेकेदार को पाइप और सामग्री लेने के लिए मऊगंज स्टोर भेजा है। हमने कई बार कार्य के लिए कहा है। तीन चार दिन लगातार विजिट करके घाट के ऊपर की जलसंकट की समस्या पर कार्य कराएंगे।
एमके यादव, एसडीओ त्योंथर पीएचई विभाग
गंगेव ब्लॉक में जलसंकट को लेकर कार्य चल रहा है। नलजल योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित करने और नई पंचायतों को नलजल योजनाओं से जोडऩे के प्रयास चल रहे हैं।
जेपी द्विवेदी, एसडीओ पीएचई रीवा
कैथा ग्राम में जलसंकट की सूचना मिली है। केवट बस्ती में नलकूप डिस्मेंटल होने से पानी नही मिल रहा है। यहां नलजल योजना प्रारम्भ कराई जाएगी। वैकल्पिक तौर पर व्यवस्था के लिए प्रयास कर रहे हैं।
शरद पटेल, कार्यपालन यंत्री पीएचई रीवा