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रीवा

लॉकडाउन में फंसे प्रयागराज से जंगल के रास्ते पैदल सीधी जा रहे श्रमिक की सर्पदंश से मौत

जिले के खटखरी चौकी के पिड़रिया जंगल में रात ढाई बजे हुई घटना

रीवाMay 05, 2020 / 07:23 pm

Anil singh kushwah

meerut

Workers going straight from Prayagraj to the forest, died of snakebite

रीवा. लॉकडाउन में फंसे आधा दर्जन मजदूर रविवार रात यूपी के प्रयागराज से पैदल सीधी जा रहे थे। रीवा जिले के खटखरी चौकी के पिड़रिया गांव में रास्ते में एक मजदूर को सांप ने डस लिया। बताया गया कि सीधी के कमर्जी थाना क्षेत्र से आधा दर्जन मजदूर खेत काटने के लिए यूपी के प्रयागराज के देवा गांव गए थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते वहीं फंस गए। एक माह से अधिक का समय बीतने पर उनका धैर्य टूट गया और रविवार रात वे जंगल के रास्ते पैदल अपने घर के लिए निकल पड़े। रात ढाई बजे खटखरी के पिड़रिया जंगल के समीप सड़क किनारे झाड़ी में छिपे सांप ने मजदूर विनोद कोल निवासी खोरवा थाना कमर्जी के पैर में डस लिया। पीडि़त के साथी उसे रात में खटखरी लेकर आए जहां से हनुमना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया। चिकित्सकों ने चेकअप के बाद श्रमिक को मृत घोषित कर दिया।
पूर्व विधायक की मांग, परिवार को मुआवजा मिले
पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने कहा कि कोरोना के इस दौर में कुप्रबंधन की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं जिसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार व राज्य सरकार है। मजदूर परेशान हैं और कई किलोमीटर पैदल चलते हैं और अपने घर पहुंचना चाहते हैं। कहीं भूख से तो कहीं एक्सीडेंट से मौत हो रही है। खटखरी में सर्पदंश से श्रमिक की मौत अत्यंत त्रासदायी है। जिसने परिवार को ही अनाथ कर दिया है। इन मौतों की जिम्मेदार केंद्र सरकार व राज्य सरकारें हैं इस प्रकार की मौतों को कोरोना के अंतर्गत ही मानकर 50 लाख का मुआवजा तत्काल परिजनों को देना चाहिए। पूर्व विधायक सिंह ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार का पलायन कर घर लौटने के लिए छटपटा रहे मजदूरों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि खटखरी घटना की जानकारी लगते ही कांग्रेस के सिपाही अमृतलाल शुक्ला व नारायण गुप्ता हनुमना पहुंचे और पीडि़त परिवार की मदद की। सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह विनोद कोल के परिवार को 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान करे।
एक माह बाद लौट रहे थे
मजदूरों ने बताया कि वे 15 मार्च को यूपी में खेत काटने गए थे। वे घर लौटने के लिए लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। जब लॉकडाउन नहीं खुला तो से पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। एमपी बार्डर तक वे ट्रक से आए और वहां से पैदल घर जा रहे थे। सभी मजदूर जड़कुड़ पहाड़ के रास्ते घर वापस जाने वाले थे। पहाड़ के दूसरे ओर कमर्जी थाना की सीमा शुरू हो जाती है। खटखरी चौकी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और एम्बुलेंस से घर भिजवा दिया।

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