पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने कहा कि कोरोना के इस दौर में कुप्रबंधन की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं जिसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार व राज्य सरकार है। मजदूर परेशान हैं और कई किलोमीटर पैदल चलते हैं और अपने घर पहुंचना चाहते हैं। कहीं भूख से तो कहीं एक्सीडेंट से मौत हो रही है। खटखरी में सर्पदंश से श्रमिक की मौत अत्यंत त्रासदायी है। जिसने परिवार को ही अनाथ कर दिया है। इन मौतों की जिम्मेदार केंद्र सरकार व राज्य सरकारें हैं इस प्रकार की मौतों को कोरोना के अंतर्गत ही मानकर 50 लाख का मुआवजा तत्काल परिजनों को देना चाहिए। पूर्व विधायक सिंह ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार का पलायन कर घर लौटने के लिए छटपटा रहे मजदूरों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि खटखरी घटना की जानकारी लगते ही कांग्रेस के सिपाही अमृतलाल शुक्ला व नारायण गुप्ता हनुमना पहुंचे और पीडि़त परिवार की मदद की। सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह विनोद कोल के परिवार को 50 लाख रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान करे।
मजदूरों ने बताया कि वे 15 मार्च को यूपी में खेत काटने गए थे। वे घर लौटने के लिए लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। जब लॉकडाउन नहीं खुला तो से पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। एमपी बार्डर तक वे ट्रक से आए और वहां से पैदल घर जा रहे थे। सभी मजदूर जड़कुड़ पहाड़ के रास्ते घर वापस जाने वाले थे। पहाड़ के दूसरे ओर कमर्जी थाना की सीमा शुरू हो जाती है। खटखरी चौकी पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और एम्बुलेंस से घर भिजवा दिया।