एड्स से जुड़ी जानकारी देने के लिए जिले भर में जागरुकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कालेजों में रेड रिबन प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को जागरुक किया जा रहा है। साथ ही काउंसलरों एवं अन्य जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी जानकारियां पहुंचाई जा रही हैं।
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रीवा जिले में एचआइवी पाजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। बीते अप्रेल से लेकर अक्टूबर महीने तक में 75 नए मरीज पाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक रीवा शहरी क्षेत्र के बताए गए हैं। यहां पर 26868 लोगों की जांच कराई गई, जिसमें 71 की रिपोटज़् पाजिटिव आई है। इसी तरह सिरमौर में 4123 मरीजों की जांच में दो, मऊगंज में 4168 की जांच में दो मरीज पाए गए हैं। जिले के अन्य ब्लाकों में पाजिटिव केस अभी नहीं मिले हैं। जबकि गोविंदगढ़ में 4287, हनुमना में 4156, नईगढ़ी में 1236, त्योंथर में 1326, जवा में 1425, गंगेव में 1632, रायपुर कचुज़्लियान में 1737 मरीजों की जांच की गई। सात महीने के अंतराल में रीवा जिले में 50958 मरीजों की गई, जिसमें 75 की रिपोटज़् पाजिटिव आई है। यह कुल जांच का 0.14 प्रतिशत बताया गया है।
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बीते दस वर्षों में मिले मरीज
वर्ष– जांच—-पाजिटिव 2020—-177392—-154
2019—-105885—280
2018—94355—-389
2017—-88031—293
2016—-68506—309
2015—-61697— 304
2014—-60178—-263
2013—-53344—296
2012–47475——-286
2011—26653—–249
2010—18862—264
2002-09—32561—740
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नशे के आदी लोगों की हो रही काउंसिल
नशे के इंजेक्शन लेने वालों को भी एचआइवी संक्रमण तेजी से फैलता है। इनकी काउंसिलिंग के लिए ओपिआयड सब्सीट्यूशन थैरेपी सेंटर जिला अस्पताल में बनाया गया है। जहां पर 616 ने पंजीयन करा रखा है, जिसमें 343 की काउंसिलिंग के साथ उपचार भी दिया जा रहा है।
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जिले में एड्स के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। समाज के हर वर्ग को सचेत किया जा रहा है। साथ ही जो पाजिटिव हैं, उनकी काउंसिलिंग के साथ दवाएं देने के भी इंतजाम हैं।
डॉ. अनुराग शर्मा, नोडल अधिकारी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम