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विश्व एड्स दिवस : दस वर्ष में तीन हजार लोग एचआइवी पाजिटिव मिले, 1114 का उपचार अब भी जारी

– रीवा के एआरटी सेंटर में आसपास के जिलों से भी आ रहे हैं उपचार कराने वाले

रीवाDec 01, 2021 / 11:48 am

Mrigendra Singh


रीवा। एड्स प्रभावित संवेदनशील जिलों में रीवा का भी नाम है। यहां पर अन्य जिलों की तुलना में अधिक संख्या में मरीज पाए जा रहे हैं। बीते दस वर्षों के अंतराल में तीन हजार से अधिक की संख्या में लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई है।
शासन द्वारा जागरुकता के चलाए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद एचआइवी पाजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एड्स से ग्रसित होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों की मौतें भी हुई हैं, जिसमें उपचाररत लोगों की मौत के आंकड़े तो प्रशासन के पास होते हैं लेकिन अन्य जिनकी सूचनाएं नहीं दी जाती उनके बारे में प्रशासन को भी जानकारी नहीं है। इस वजह से जिले में कुल एड्स रोगियों की मौत के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
रीवा में श्यामशाह मेडिकल कालेज होने की वजह से यहां पर एंट्री रिट्रोवायरल ट्रीटमेंट(एआरटी) सेंटर स्थापित है। जहां पर उपचार से जुड़ी दवाएं दी जाती हैं। वर्तमान में इस सेंटर में 2026 लोगों ने पंजीयन करा रखा है। इसमें अधिकांश लोग उपचार के लिए नहीं आ रहे हैं।
नियमित रूप से दवाएं लेने के लिए केवल 1114 लोग ही पहुंच रहे हैं। इसमें अधिकांश रीवा जिले के हैं, साथ ही सीधी, सिंगरौली, सतना एवं शहडोल जिलों के भी कई मरीज शामिल हैं। ब्लाक स्तर पर एचआइवी जांच के लिए केन्द्र बनाए गए हैं।
साथ ही अब उपचार के लिए भर्ती होने वाले मरीजों पहले यह जांच कराई जाती है ताकि उपचार के दौरान किसी तरह की समस्या नहीं आए। गर्भवती महिलाओं का भी यह टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है।
एड्स से जुड़ी जानकारी देने के लिए जिले भर में जागरुकता के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कालेजों में रेड रिबन प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को जागरुक किया जा रहा है। साथ ही काउंसलरों एवं अन्य जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी जानकारियां पहुंचाई जा रही हैं।
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सात महीने के अंतराल में 75 पाजिटिव मिले
रीवा जिले में एचआइवी पाजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। बीते अप्रेल से लेकर अक्टूबर महीने तक में 75 नए मरीज पाए गए हैं। इसमें सबसे अधिक रीवा शहरी क्षेत्र के बताए गए हैं। यहां पर 26868 लोगों की जांच कराई गई, जिसमें 71 की रिपोटज़् पाजिटिव आई है। इसी तरह सिरमौर में 4123 मरीजों की जांच में दो, मऊगंज में 4168 की जांच में दो मरीज पाए गए हैं। जिले के अन्य ब्लाकों में पाजिटिव केस अभी नहीं मिले हैं। जबकि गोविंदगढ़ में 4287, हनुमना में 4156, नईगढ़ी में 1236, त्योंथर में 1326, जवा में 1425, गंगेव में 1632, रायपुर कचुज़्लियान में 1737 मरीजों की जांच की गई। सात महीने के अंतराल में रीवा जिले में 50958 मरीजों की गई, जिसमें 75 की रिपोटज़् पाजिटिव आई है। यह कुल जांच का 0.14 प्रतिशत बताया गया है।
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बीते दस वर्षों में मिले मरीज


वर्ष– जांच—-पाजिटिव

2020—-177392—-154
2019—-105885—280
2018—94355—-389
2017—-88031—293
2016—-68506—309
2015—-61697— 304
2014—-60178—-263
2013—-53344—296
2012–47475——-286
2011—26653—–249
2010—18862—264
2002-09—32561—740
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नशे के आदी लोगों की हो रही काउंसिल
नशे के इंजेक्शन लेने वालों को भी एचआइवी संक्रमण तेजी से फैलता है। इनकी काउंसिलिंग के लिए ओपिआयड सब्सीट्यूशन थैरेपी सेंटर जिला अस्पताल में बनाया गया है। जहां पर 616 ने पंजीयन करा रखा है, जिसमें 343 की काउंसिलिंग के साथ उपचार भी दिया जा रहा है।
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जिले में एड्स के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। समाज के हर वर्ग को सचेत किया जा रहा है। साथ ही जो पाजिटिव हैं, उनकी काउंसिलिंग के साथ दवाएं देने के भी इंतजाम हैं।
डॉ. अनुराग शर्मा, नोडल अधिकारी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम

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