scriptbhavantar bhugtan yojana : 40 हजार किसानों को मिला 46 करोड़ का लाभ | 40 thousand farmers got 46 crore profit | Patrika News
सागर

bhavantar bhugtan yojana : 40 हजार किसानों को मिला 46 करोड़ का लाभ

योजना के तहत वितरित हुए भुगतान प्रमाण-पत्र

सागरJan 07, 2018 / 02:32 am

शशिकांत धिमोले

bhavantar bhugtan yojana

bhavantar bhugtan yojana

सागर. भावांतर भुगतान योजना के तहत पंजीयन कराकर उपज बेचने वाले किसानों को नवंबर माह की भावांतर राशि का भुगतान शनिवार को समारोहपूर्वक कृषि उपज मंडी में किया गया। नवंबर माह योजना के तहत फसल बेचने वाले करीब 40 हजार किसानों के खातों में लगभग ४६ करोड़ की राशि जमा की गई। गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रतीकात्मक रूप से किसानों को प्रमाण पत्र वितरित किए।

 

डाक रोकने से किसान हुए परेशान
कार्यक्रम के चलते डाक रोक दी गई थी इस वजह से अनाज लेकर आए किसान परेशान रहे। कई किसान अल सुबह से ही मंडी पहुंच गए थे। समारोह में एलईडी के माध्यम से टीकमगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी विधायकों सहित सांसद को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन नरयावली विधायक प्रदीप लारिया को छोड़कर अन्य विधायक नहीं पहुंचे। कार्यक्रम में कलेक्टर आलोक कुमार सिंह, जिपं सीईओ चन्द्रशेखर शुक्ला, मण्डी अध्यक्ष प्रकाश रानी आठिया, शैलेष केसरवानी, सुधीर यादव, सुशील तिवारी, अरविन्द तोमर, अनुराग प्यासी, अरुण सिंघई, जगन्नाथ गुरैया, प्रताप सिंह, मलखान सिंह, राकेश साहू सहित जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी एवं किसान मौजूद थे।
 

युवा उद्यमी कृषि योजना शुरू करने पर विचार
मुख्य अतिथि गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने के प्रति प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में भावांतर योजना एक अग्रणी पहल है। मध्यप्रदेश भारत में पहला प्रदेश है जहां इस प्रकार की योजना किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए शुरू की गई। उन्होंने बताया कि भावांतर योजना का लाभ केवल खरीफ फसल ही नहीं अपितु सभी फसलों के लिए मिलेगा। सरकार किसानों के हित के लिए कई अन्य योजनाएं लाने पर विचार कर रही है जिससे ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। राज्य सरकार युवा उद्यमी कृषि योजना शुरू करने पर विचार कर रही है, जिसमें युवा किसानों को कृषि करने के लिए कर्ज देगी। उन्होंने बताया कि फसल की लागत के आधार पर भी किसानों को 50 प्रतिशत राशि देने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि आपदा में किसान को मूल राशि के साथ लाभ भी मिल सके।
 

हम तो अलसुबह से ही आ गए थे
कार्यक्रम के चलते मंडी में होने वाली डाक रोक दी गई थी। अलसुबह से अपनी उपज ट्रॉलियों में लेकर आए किसान परेशान होते रहे। ग्राम सेमराहाट से आई महिला किसान फूलरानी ने बताया कि हम अलसुबह ही गेहूं लेकर मंडी आ गए थे, लेकिन यहां डाक बंद थी।
 

सेमाढाना से आए विमल अहिरवार भी अपनी उपज पर सो रहे थे, उनका कहना था कि यदि डाक नहीं करना थी तो सूचना देना चाहिए था। इसी तरह ग्राम सोमला के राहुल कुर्मी व चंद्रभान कुर्मी भी परेशान रहे। कई किसान ताश पत्ती खेलकर समय बिताते दिखे।
 

कुछ किसान अपने साथ लाए भोजन करते दिखे। भावांतर के तहत आयोजित कार्यक्रम में किसानों को लाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। कुछ किसानों को प्रमाण पत्र देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन अधिकांश नहीं आए। शाहगढ़ के किसान के नहीं आने पर शाहगढ़ तहसीलदार पर गृहमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो