सुरखी में आचार्यश्री की पूजन ग्राम वासियों ने भक्ति भाव से की। इस अवसर पर बड़कुल परिवार में सर्वतोभद्र जिनालय भाग्योदय तीर्थ में एक बड़ी प्रतिमा विराजमान कराने की स्वीकृति दी। दोपहर बाद गौरझामर की ओर विहार किया। रात्रि विश्राम बरकोटी तिराहे पर हुआ।
सुरखी में धर्म सभा में प्रमुख रूप से शील चंद चौधरी चंद्रकुमार जैन उत्तम चंद मासाब, सनत बड़कुल, समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र जैन, गोपीचंद पठा, अरविंद जैन, जिनेश बड़कुल, अनिल जैन,वीरेंद्र जैन मंत्री, नेमीचंद जैन, सहित ढाना, गौरझामर, बिलहरा, चितौरा, देवरी और सागर आदि स्थानों के श्रद्धालु गुरुदेव के दर्शन करने पहुंचे थे। सुरखी में अरविंद बड़कुल की सुपुत्री रुपाली जैन ने आचार्यश्री के समक्ष आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लिया। दोपहर 1.30 बजे आचार्यश्री का बिहार गौरझामर की ओर हो गया गौरझामर से 5 किलोमीटर पूर्व बरकोटी तिग्गड्डा पर आचार्य संघ का रात्रि विश्राम हुआ। मंगलवार को आचार्य संघ की गौरझामर में अगवानी आर्यिका विज्ञानमति माताजी ससंघ करेंगी।