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सागर

एेतिहासिक झील संवारने भागीरथियों ने बढ़ाए हाथ, दी श्रम की आहुति

हमारी विरासत लाख बंजारा झील के अस्तित्व को बचाने पत्रिका द्वारा अमृतम् जलम् अभियान चलाया जा रहा है।

सागरMay 15, 2018 / 04:22 pm

गुलशन पटेल

Amritan Jhamam campaign

Amritan Jhamam campaign

सागर. ‘अमृतं जलम्’ अभियान के दूसरे दिन सोमवार को लाखा बंजारा झील के भट्टो घाट पर साफ-सफाई करने के लिए श्रम के सिपाही जुटे। उन्होंने परिश्रम की आहुति देते हुए पसीना बहाया और झील की गंदगी को बाहर निकाला।
हमारी विरासत लाख बंजारा झील के अस्तित्व को बचाने पत्रिका द्वारा अमृतम् जलम् अभियान चलाया जा रहा है। रविवार से शुरू हुए इस अभियान में शहर के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक सहित सभी प्रकार के संगठन और आमजन अपनी सहभागिता कर रहे हैं। सोमवार को अभियान के दूसरे दिन भी लोगों ने बरियाघाट स्थित भट्टो घाट पर पहुंचकर श्रमदान किया। साथ ही यह संकल्प भी लिया कि वे झील को बचाने के लिए श्रद्धा और भाव के साथ पत्रिका के अभियान के साथ जुड़े रहेंगे और श्रमदान कर झील को बचाने का काम करेंगे। लाखा बंजारा झील को संवारने के लिए शहर के कई लोग अपना श्रमदान कर रहे हैं।
यह रहे शामिल-राजू भाई गर्ग, पप्पू तिवारी, धर्णेंद्र जैन, राहुल व्यास, नितिन पचौरी, रोहित तिवारी, नीलेश सिंह पवार, मुरारी पांडे, सोनू रिछारिया।
शिवसेना राज्य उप प्रमुख पप्पू तिवारी ने कहा कि झील की सफाई के लिए शहर के हर व्यक्ति को आगे आना होगा।
धर्णेंद्र जैन ने कहा कि झील बचाने शहर के जनप्रतिनिधियों के साथ आमजन का भी आगे आना होगा।
नितिन पचौरी ने कहा कि झील के चारों ओर नाले-नालियों का पानी दूषित कर रहा है, जिसे अब रोकना ही होगा।
रोहित तिवारी ने कहा कि हमने बुजुर्गों से झील की सुंदरता के किस्से सुने हैं, लेकिन अब उन किस्सों को हकीकत में बदलने की जरूरत है। यह तभी संभव है, जब हम सब मिलजुलकर यह काम करेंगे।
नीलेश पवार ने कहा कि झील को बचाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। इसकी दुर्गति के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं है। हमें सोचना होगा कि झील के संरक्षण के लिए स्वयं हमने क्या किया है?

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