फिर बदल सकते हैं समीकरण
2018 के चुनाव में वोटों का अंतर एक बार फिर घट-बढ़ सकता है। हालांंकि राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस अंतर को घटाने व बढ़ाने के लिए दोनों दलों को प्रत्याशी चयन में बारीकी से काम करना पड़ेगा। दरअसल, लंबे समय से जिले की अधिकतर विधानसभाओं में भाजपा के प्रत्याशी रिपीट हो रहे हैं। लिहाजा पार्टी को चेहरे बदलने पड़ सकते हैं। इधर, कांग्रेस भी इसी रणनीति पर काम कर रही है। चुके हुए नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी देकर नए व युवा चेहरों पर दांव लगाने की फिराक में हैं। पिछले दिनों समन्वय समिति की दौरे में भी यह बात सामने आई थी कि उन्हीं लोगों को टिकट दिया जाएगा जो योग्यता के आधार पर जीतने की स्थिति में हैं।
मुद्दे जस के तस
इन टॉप-5 मतदान केंद्रों पर अधिकांश क्षेत्रों में परिस्थितियां तो बदलीं हैं, लेकिन मुद्दे जस के तस हैं। खास तौर पर पेयजल, बिजली और रोजगार के अवसर अभी भी सौ प्रतिशत नहीं मिल पा रहे हैं। इसे लेकर दोनों दल के नेता सक्रिय हैं। इसके साथ ही आपदाओं को लेकर मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि को लेकर भी भाजपा और कांग्रेस के नेता प्रदेश सरकार के विरुद्ध खड़े देखे गए हैं।
वर्ष-2013 में भाजपा के टॉप-5 बूथ
बूथ क्र. बूथ का नाम वोट संख्या
106 गढ़ाकोटा सुभाष वार्ड 1065
109 गढ़ाकोटा महाराणा प्रताप वार्ड 1033
95 गढ़कोटा टेगौर वार्ड 991
66 चक्क परासिया 901
76 बसारी 845
वर्ष-2013 में कांग्रेस के टॉप-5 बूथ
बूथ क्र. बूथ का नाम वोट संख्या
सागर 41 तुलसीनगर वार्ड 835
रहली 175 जवाहरवार्ड रहली 802
देवरी 206 रसेना 799
नरयावली 83 कैंट वार्ड (3) 796
देवरी 211 डौभी 744
2008 में ये थी इन्हीं बूथों पर स्थिति
भाजपा की स्थिति
बूथ क्र. बूथ का नाम वोट संख्या
रहली 106 गढ़ाकोटा सुभाष वार्ड 432
रहली 109 गढ़ाकोटा महाराणा प्रताप वार्ड 188
रहली 95 गढ़कोटा टेगौर वार्ड 190
रहली 66 चक्क परासिया 550
रहली 76 बसारी 418
2008 में कांग्रेस की स्थिति
बूथ क्र. बूथ का नाम वोट संख्या
सागर 41 तुलसीनगर वार्ड 226
रहली 175 जवाहरवार्ड रहली 90
देवरी 206 रसेना —
नरयावली 83 केंट वार्ड (3) 147
देवरी 211 डौभी —
(निरंक- ये बूथ २००८ में नहीं बनाए गए थे)
कांग्रेस के मुकाबले भाजपा ने सागर समेत प्रदेश भर में विकास के कार्य किए हैं, लेकिन कई परियोजनाएं ऐसी हैं कि उनके क्रियान्वयन में अभी भी और वक्त लगेगा। इस वजह से लोगों को सुविधाएं मिलने में भी वक्त है। इस बार भी प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी, लेकिन कांग्रेस भी दमखम के साथ मैदान में उतरेगी। इससे उसकी सीटों में इजाफा होगा। – प्रवीण सिंह जग्गी, युवा
बात चुनाव की चली है तो यहां यह कहना लाजमी है कि भाजपा ने भले ही विकास के कार्य किए हों, लेकिन घरेलू खर्च में इजाफा हुआ है। सरकारें लगातार राशन और रसोई गैस के दामों में इजाफा कर रही हैं। इससे रसोई का बजट बढ़ गया है। इन सब मुद्दों को लेकर भाजपा को तो सोचना ही होगा, लेकिन कांग्रेस विपक्ष की भी भूमिका निभाएगी जिससे उसे लाभ होगा। – कविता श्रीवास्तव, गृहिणी
अब तक सरकारें किसी भी राजनीतिक दल के नेतृत्व में बनीं हों, लेकिन महंगाई को रोकने में सभी राजनीतिक दल नाकाम साबित हुए हैं। सरकारों ने आम लोगों को सुविधाएं देने के प्रयास जरूर किए हैं, लेकिन जरूरी होगा कि अब भाजपा-कांग्रेस क्षेत्रीय विकास की ओर ध्यान दें, ताकि जिले की सभी विधानसभाओं में एक समान विकास कार्य हो सकें। – अखिल दुबे, व्यवसाई
पार्टियों के बोल
पिछले 15 वर्षों में भाजपा सरकार ने सागर समेत पूरे प्रदेश में विकास की इबारत लिखी है। 2008 में जिस तरह से जनता का समर्थन मिला था, उसी का परिणाम है कि 2013 के चुनाव में हमारे दल ने सफलता के परचम फहराए। इसे देखते हुए 2018 में मतों का अंतर निश्चित रूप से बढ़ेगा और हम एक बार फिर सत्ता पर काबिज होंगे। – राजेश सैनी, संभागीय सह मीडिया प्रभारी भाजपा
2018 के चुनाव को लेकर हमारी पार्टी भी तमाम पहलुओं पर काम कर रही है। बूथ स्तर तक बीएलए को बैठाया है। हमारा प्रयास है कि जिन बूथों पर 2008 और 2013 में कम वोट मिले हैं, उन केंद्रों पर सौ फीसदी वोटिंग कराने का प्रयास है। जिन कारणों से कांग्रेस कमजोर साबित हुई, उन मुद्दों की भी हम समीक्षा कर रहे हैं। इस बार के चुनाव में पूरी तैयारी के साथ मैदान में होंगे। – डॉ. संदीप सबलोक, संभागीय प्रवक्ता कांग्रेस