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Atal Bihari vajpayee : जब सिक्कों से तुले तो अटल जी ने कहा मैं अब अनतुले नहीं रहा ,तुल गया

यहां सिक्कों से हुआ था अटल बिहारी बाजपेयी का तौल,अटल बिहारी वाजपेयी का सागर से है गहरा नाता

सागरAug 16, 2018 / 04:48 pm

Samved Jain

Atal Bihari Bajpayee : यहां सिक्कों से हुआ था अटल बिहारी बाजपेयी का तौल
शशिकांत ढिमोले,सागर. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का सागर और बुंदेलखंड से गहरा नाता रहा है। सागर जिले की सीमा पर स्थित विदिशा लोकसभा क्षेत्र से सटी है और यह क्षेत्र अटल जी का रहा है । वयोवृद्ध भाजपा नेता और योगाचार्य विष्णु आर्य अटल जी की यादें अपने जहन में संजोए हुए हैं । अटल बिहारी बाजपेयी के अस्वस्थ और नाज़ुक हालत की खबर सुनकर आर्य भी गमगीन है । उन्होंने बताया कि अटल जी सागर कई बार आए। जनसंघ के समय और भारतीय जनता पार्टी बन जाने के बाद भी वे यहां आते है। अटल बिहारी वाजपेयी मृदुभाषी सहनशील और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति हैं।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हाजिर जवाबी और उनकी शैली का सभी लोहा मानते थे। अब जब अटल जी जीवन के अंतिम मुकाम पर संघर्ष कर रहे हैं तो उनके साथ जुड़े रहे या पार्टी में काम करने वालों को याद ताजा हो गईं।
सागर के जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा तक कई पदों पर रहे जाने-माने योगाचार्य विष्णु आर्य अटल जी को याद करते हुए कई किस्से बताते हैं। उम्र के 85 साल पार कर रहे योगाचार्य विष्णु आर्य बताते हैं कि सागर के लोकसभा के उपचुनाव में 1982 में एक सभा मे उनको सिक्कों से तौला गया था। तब उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम अंतुले का जिक्र करते हुए कहा था कि अब मैं अनतुले नहीं रहा, तुले हो गया हूं। मुझे तौला गया है। उन्होंने कई प्रसंग अटलजी की हाजिर जवाबी के सुनाए।
उन्होंने बताया कि विदिशा से अटलजी चुनाव लड़े तो वहां भी गए। सागर में अटल जी का आना कई दफा हुआ। वर्तमान केंद्रीय राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार के लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री के तौर पर सागर में सभा करने आए थे। आसपास की सीट तक भाजपा ने जीतीं। योगाचार्य विष्णु आर्य भाजपा और उसके संगठनों से जुड़े रहे हैं। उनको एमपी सरकार का राज्य स्तरीय रामजी महाजन सम्मान और योग के क्षेत्र में स्वामी विवेकानन्द पुरस्कार भी मिला है। योग और आयर्वेद के क्षेत्र में कई संगठनों से जुड़े हैं।
प्रधानमंत्री बनने के बाद जब उन्होंने परमाणु बम बनाने का निर्णय लिया तो उन्होंने कहा था कि यह देश की रक्षा के लिए है, विदेशियों की क्या परवाह करना। जनसंघ के समय सागर में दुलीचंद राठौर, हरि शंकर आदि संघ का कार्य करते थे। आर्य कहते हैं कि अटलजी की याददाश्त बहुत तगड़ी रही है। इधर 1967 में जनसंघ के सांसद रहे रामसिंह अहिरवार बताते है कि अटलजी बहुत ही सहज सरल और मृदुभाषी रहे है। हालांकि,मेरा उनसे ज्यादा संपर्क नहीं रहा, लेकिन सांसद होने के नाते पत्रों के माध्यम से उन से नाता रहा हैं। सभी उनके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे है।
यहां आपको बतां दे कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य बिगडऩे के बाद बीती रात उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। एक्स के डॉक्टर्स ने अटल जी का स्वस्थ्य बेहद नाजुक होना बताया गया था। इसके बाद अब तक कोई अपडेट नहीं आ सका है। इस खबर के फैलने के बाद पूरे देश में अटल जी के प्रशंसकों की आंखों में आंसू आ गए थे, जो फिलहाल अटलजी के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे हैं।
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