आयुष्मान भारत बीमा योजना के संचालन को लेकर कवायद तेज
सागर•Jul 17, 2018 / 11:21 am•
sunil lakhera
Ayushman Bharat Insurance Scheme
सागर. आयुष्मान भारत बीमा योजना के संचालन को लेकर कवायद तेज हो गई है। सरकार की ओर से जिला अस्पताल व बीएमसी प्रबंधन को हाल ही में उपचार संबंधी 1350 प्रोसीजर की सूची भेजी गई है। इसी के तहत मरीजों का हर संभव उपचार किया जाएगा। योजना की खास बात यह है कि यदि स्थानीय सरकारी संस्थान में किसी गंभीर बीमार बीमित मरीज का उपचार संभव नहीं होता है तो उसे निजी अस्पताल में रेफर किया जाएगा और उसे वहां रेफर कार्ड के आधार पर मुफ्त में उपचार मिलेगा। डीन डॉ. जीएस पटेल ने बताया कि मरीजों के उपचार संबंधी प्रोसीजर की सूची जारी हो चुकी है, जिन्हें विभागवार भेज दिया है। इसमें ऑपरेशन के खर्च भी बताए गए हैं, जिनसे अधिकांश डॉक्टर सहमत हैं।
प्रायवेट प्रैक्टिस के प्रति घटेगा रुझान
स रकारी संस्थानों में तैनात डॉक्टर इन दिनों प्रायवेट प्रैक्टिस भी करते हैं। चूंकि इसमें वेतन के अलावा डॉक्टर्स को इन्सेंटिव मिलता है। एेसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कई डॉक्टर अपना ध्यान सरकारी अस्पताल में फोकस कर प्रायवेट अस्पतालों की झंझटों से बचने की कोशिश करेंगे। गायनी की बात करें तो सिजेरियन में यदि एक डॉक्टर को एक केस का दो हजार रुपए मिलता है तो दिनभर में यदि उसने चार सिजेरियन कर दिए तो 8 से 10 हजार रुपए का इन्सेंटिव मिल जाएगा।
डॉक्टर सहित टीम को दिया जाएगा इन्सेंटिव
योजना के तहत बीमित मरीज का उपचार करने वाले डॉक्टरों के अलावा पूरी टीम को भी इन्सेंटिव दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है। डॉक्टर मरीज के उपचार का पूरा स्टीमेट तैयार करेंगे और उपचार का खर्च प्रबंधन उठाएगा। मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद बिल के आधार पर डॉक्टर व सहयोगी दल के खाते में इन्सेंटिव की राशि जमा कर दी जाएगी। दोनों संस्थाओं को जो राशि जारी होगी, उसमें आधी राशि प्रबंधन के पास रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा होगी।
न्यूरो-मनोरोग से पीडि़त मरीज होंगे रेफर
दोनों स्वास्थ्य संस्थानों में सुपर स्पेशियलिटी ट्रीटमेंट की व्यवस्था नहीं है। एेसे में गंभीर मरीजों को या तो दूसरे मेडिकल कॉलेजों में रेफर किया जाएगा या फिर प्रायवेट अस्पताल भेजे जाएंगे। वहीं, कैंसर के रोगियों की सिकाई की भी व्यवस्था बीएमसी में ही है। एेसे में इन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेज रेफर किए जाएंगे। न्यूरो और मनोरोग से पीडि़त मरीजों को भी बाहर रेफर किया जाएगा।
खर्च की भी सूची जारी
बीमारियों से संबंधित सर्जरी की रेट लिस्ट भी सरकार ने जारी कर दी है। सभी विभागों के डॉक्टरों को इसे भेजकर उनकी सहमति जानने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। बीएमसी के कैंसर विभाग के पास ७५ प्रोसीजर की सूची भेजी गई थी। इसे लेकर विभागाध्यक्ष सुशील गौर ने सहमति भी दे दी है।