पंचायत स्तर पर भी नहीं किए गए खरीदने के प्रयास
सागर•Mar 28, 2021 / 07:23 pm•
anuj hazari
Barring Bina-Khurai, there is no fire in large population like Mandibamora, Khimalasa
बीना. बीना विधानसभा में कई बड़े कस्बे हैं, जिनमें करीब सौ से अधिक गांव आते हैं, गर्मी शुरू होने के साथ ही इन स्थानों पर आग लगने का खतरा भी मंडराने लगता है, लेकिन पंचायतों ने आज तक इन जगहों पर आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए हैं। अगर कहीं आग लगती है तो उसको बुझाना मुश्किल हो जाता है। इस क्षेत्र में दमकल लेने को लेकर कभी कोई काम नहीं किया। यही कारण है कि जब आग लगने की घटना होती है और बीना या खुरई से दमकल भेजी जाती है, तब तक तबाही हो चुकी होती है। आग से बचाव के लिए मंडीबामोरा, खिमलासा व भानगढ़ में संसाधनों की कमी है। इन तीनों जगहों पर घनी आबादी है और संकरे रास्ते भी हैं, जहां आग लगने की घटनाएं होने पर उसपर काबू पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन आग से बचाव के इंतजाम नाकाफी है। इन क्षेत्रों मे हर वर्ष आग लगने से कई जगह फसलें जलकर खाक हो चुकी हैं। खिमलासा के अभयपाल राजपूत का कहना है कि यदि किसानों के खेतों में आग लग जाए तो बचाव के संसाधन नहीं हैं। अगर आग लगती है तो स्वयं बुझाने के लिए तैयार रहते हैं। अगर ग्राम पंचायत स्तर पर दमकल गाड़ी हो तो आग पर जल्द काबू पाया जा सकता है। मंडीबामोरा के दामोदर राय ने कहा कि गर्मियों में क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं से किसानों का नुकसान होता है, इसके बाद भी दमकल की व्यवस्था नहीं की गई है।
फायर फाइटिंग सिस्टम की कमजोरी
बीना नपा क्षेत्र में जो पिछले वर्षों में आग लगने की घटनाएं हुईं है उनपर काबू पाने में भी यहां की दमकलें सक्षम नहीं हैं। खिमलासा, मंडीबामोरा, भानगढ़ जैसे बड़े कस्बों में न आग से जूझने के अतिरिक्त संसाधन जुटाए जाते हैं, न ही घटनास्थल पर जल्दी पहुंचने की तैयारी रहती है। यही वजह है कि आग लगने के घंटों बाद भी इन स्थलों पर दमकल नहीं पहुंच पाती।