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विरोधाभासों के बाद भी युवक को आरोपी बनाकर भेजा जेल, बचाने के लिए भटक रहा भाई

अंधा पुलिस तंत्र , सागर के युवक को छतरपुर के भगवां थाने में आरोपी बनाने का मामला

सागरSep 10, 2018 / 04:12 pm

manish Dubesy

Blind police mechanism paradox

Blind police mechanism paradox

सागर. बलात्कार के आरोप में दस माह से जेल में बंद युवक के परिजन मामले की संदिग्ध परिस्थियों को लेकर थाने से लेकर जोन स्तर तक के पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। वे राष्ट्रपति से लेकर राज्यपाल और जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन मामला दलित वर्ग की किशोरी से बलात्कार का होने से सभी इससे बच रहे हैं। वहीं भगवां थाने में अक्टूबर २०१७ में कार्रवाई के दौरान बरती गई मनमानी के दस्तावेज लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उनके सवालों का उत्तर किसी के पास नहीं है।
जानकारी के अनुसार सागर के पुरा शाहगढ़ के रहने वाले दीपेश दुबे को छतरपुर के भगवां थाना पुलिस ने २ अक्टूबर 2017 को सिमरिया गांव से गिरफ्तार किया था। कमलेश पर गांव की 15 वर्षीय किशोरी से मनमानी का आरोप था, उसे ३ अक्टूबर को बलात्कार का आरोपी बनाकर 5 अक्टूबर को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया। युवक के जेल जाने के बाद उसके परिजनों को पता लगा तो वे दौड़ते भागते भगवां थाने पहुंचे तो तत्कालीन थाना प्रभारी ने उन्हें बाहर से ही लौटा दिया।
दस्तावेजों ने खोली पुलिस की पोल
युवक के भाई कमलेश ने कोर्ट, पुलिस थाने और जेल से दस्तावेज हासिल किए तो थाने में 2-3 अक्टूबर को पुलिस कार्रवाई, दर्ज अपराध में कई विरोधाभासी तथ्य सामने आए। तथ्यात्मक साक्ष्य नहीं होने के बाद भी भगवां पुलिस ने न केवल बलात्कार का अपराध दर्ज कर लिया बल्कि विभिन्न कार्रवाई, कपड़ों की जब्ती और उनके फोरेंसिक परीक्षण में भी निर्धारित प्रक्रिया का ध्यान नहीं रखा गया। एफएसएल परीक्षण भी तय मापदण्डों के आधार पर नहीं कराए गए। इससे पुलिस की मनमानी कार्रवाई भी सामने आ गई। जिसको लेकर पीडि़त के भाई ने पुलिस अधिकारियों और मानवाधिकार आयोग को भी शिकायत की है।

आंख पर पट्टी बांधे रहे थाना प्रभारी
तत्कालीन थाना प्रभारी ने किशोरी के साथ आए परिजनों की शिकायत पर अपराध दर्ज करने के बाद भी विवेचना में तथ्यों की अनदेखी की। सागर के पुरा गांव के दीपेश के सिमरिया आने-आने, किशोरी से पहचान के बारे में पूछताछ की न ही किशोरी की शिकायत के आधार पर बलात्कार वाली जगह की पड़ताल करने पहुंची। केवल थाने में बैठकर पूरे प्रकरण की टेबल ड्राफ्टिंग की गई और युवक की गिरफ्तारी की सूचना दिए बिना उसे जेल भेज दिया।
&पूरे प्रकरण के संबंध में जानकारी लेकर ही कुछ कह सकता हूं। यदि कार्रवाई में कहीं गलती हुई है तो जांच कराएंगे।
विनीत खन्ना, एसपी छतरपुर

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