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सागर

संसाधनों की कमी से योजना अटकी, शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा असर

हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल के विलय का मामला

सागरOct 03, 2018 / 10:51 am

sunil lakhera

Case of merger of high school and higher secondary school

Case of merger of high school and higher secondary school

सागर. स्कूल शिक्षा विभाग ने एक परिसर-एक शाला नाम से नई योजना प्रारंभ की है। इसके तहत 1 अक्टूबर से एक ही परिसर में पहली से कक्षा 12वीं तक के स्कूल संचालित होने हैं। लेकिन यह योजना दो महीनों के प्रयासों के बाद जिले में १ अक्टूबर से लागू नहीं हो सकेगी। योजना के तहत एकीकृत बैंक खाते की व्यवस्था १ अक्टूबर तक पूरी होनी थी, लेकिन अभी जिले में 10 फीसदी से ज्यादा काम शेष रह गया है। अब तक की जानकारी के अनुसार एक परिसर के हिसाब से जिले में 646 कैंपस बन रहे हैं। काम पूरा होने के बाद इन कैंपस की संख्या बढ़ सकती है।
केंद्र सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और सर्वशिक्षा अभियान का एकीकरण कर यह कवायद पूरी हो रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा 12 सितंबर से प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। २९ सितंबर को एकीकृत शाला की प्रबंध परिषद की साधारण सभा की प्रथम बैठक भी होने थी, लेकिन यह नहीं हो सकी।
646 कैंपस से होंगी पूरी गतिविधियां संचालित
योजना के तहत एक परिसर में स्थित सभी शालाओं का विलय करते हुए एक परिसर-एक शाला के रूप में संचालित किया जाएगा। एक परिसर में विलय के बाद 646 कैंपस बनाए गए हैं। खास बात यह है कि इस योजना से कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के साथ ही जिले में कई शासकीय शालाओं में भवन, स्टाफ के साथ ही संसाधनों की कमी भी बनी हुई है। विभाग द्वारा प्रारंभ की गई यह योजना इन हालात से निपटने में खासी मददगार साबित हो सकती है।
ये है योजना का उद्ेश्य
केंद्र सरकार द्वारा सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा के अंतर्गत नई एकीकृत शिक्षा योजना बनाई गई है। इसमें पहली से 12वीं तक लागू सर्व-शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा शामिल होगी। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना, विद्यार्थियों की शिक्षा-अर्जन की क्षमता में वृद्घि करना, स्कूली शिक्षा में सामाजिक असमानता को दूर करना, शिक्षा व्यवस्था में न्यूनतम मानक निर्धारित करना, शिक्षा के साथ व्यवसायीकरण परीक्षण को बढ़ावा देना शामिल हैं।
शैक्षणिक उत्तदायित्व
एकीकृत विद्यालय की समस्त कक्षाओं हेतु समेकित समय सारणी बनाना और उसके आधार पर पठन पाठन सुनिश्चित करना।
एकीकृत विद्यालय के प्राचार्य/प्रधानअध्यापक को विद्यालय में कार्यरत शैक्षणिक अमले की योग्यता एवं क्षमता के अनुसार कालखंड का आवंटन होगा। संस्था प्रमुख को किसी भी शिक्षक को किसी भी कक्षा को पढ़ाने के लिए निर्देश देने के अधिकार होंगे। एकीकृत स्कूल के समस्त काल खण्डों में शिक्षक की उपस्थिति व समय पालन सुनिश्चित कराना। प्रयोग शालाओं में उपलब्ध सामग्री की मदद से विद्यार्थियों को प्रयोग के अवसर देना। प्राचार्य/ प्रधान अध्यापक विद्यालय में कार्यरत प्राचार्य की जिम्मेदारी कक्षाओं में विषयवार पाठयक्रम समय पर पूर्ण हो। स्टाफ की मीटिंग हो, जिसमें समस्याओं को दूर किया जाएगा।

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