आधे मामलों का ही हुआ निपटारा ग्राम स्वराज एवं पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत पंचायत ने पिछले ३ सालों में १ करोड़ २३ लाख ७२ हजार ५६९ राशि की वसूली की है। इसमें में भी नगद वसूली 98 लाख 83 हजार 830 रुपए की हुई। वसूली राशि के विरूध 98 लाख 72 हजार 306 रुपए का कार्य कराया गया है। लेकिन 70 से ऐसे अधिक प्रकरण भी जिला पंचायत में अटके हुए हैं। कई मामले ऐसे भी हैं जो वर्षो तक एसडीएम कोर्ट में चले और अब जिला पंचायत में फाइले धूल खा रही हैं।
केस-१ सर्व शिक्षा अभियान में हुआ बड़ा घोटाला सर्व शिक्षा अभियान के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के बिल्डिंग निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है। २०१० में बिल्डिंग निर्माण के लिए आई लाखों रुपए की राशि सरपंच और सचिव द्वारा गबन कर ली गई है और अब तक ये केस चल रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में स्कूल की बिल्डिंग नहीं बन पा रही हैं। एसडीएस कोर्ट में देवरी ब्लॉक की पंचायत इमझरा,छीर, बरकोटी कला, समनापुर सेठ और बंडा ब्लॉक मोकलमउ, हिनौता सहावन के मामले दर्ज किए गए। शाहगढ़ जनपद में तिनशुआ और निहानी पंचायत का मामला दर्ज हुआ। इन पंचायतों में सरपंचों द्वारा राशि तो निकाली गई लेकिन स्कूल का निर्माण नहीं करवाया। वर्षों बाद भी इन मामलों में फैसला नहीं हुआ है। जिला पंचायत के कर्मचारियों का कहना है कि २३ स्कूलों का मामले अगस्त २०२० में ही हमारे पास आए हैं। जिनकी सुनवाई की जा रही है।
केस-२ सागर जनपद की पामाखेड़ी पंचायत का वर्षों से विकास कार्य नहीं हुआ यहां पहले वर्ष 2014 स्कूल की बिल्डिंग निर्माण न होने के मामले में सचिव राजू अहिरवार पर मामला दर्ज कराया था। सचिव अहिरवार को सस्पेंड किया गया और मामला एसडीएम कोर्ट में चलने के बाद जिला पंचायत में आया। सर्व शिक्षा अभियान के तहत जो करीब 3 लाख रुपए की लागत से बिल्डिंग बननी थी वो अब भी अधूरी है। अभी 2020 में सचिव रहे राकेश दुबे द्वारा निर्माण कार्य की राशि गबन कर लेने के मामले में जिला पंचायत में मामला दर्ज है। दुबे को भी सस्पेंड कर दिया। वहीं दुबे में निलंबन की अवधी में १४ लाख की राशि फिर पंचायत के खाते से निकाल ली। जिसकी शिकायत भी ग्राम वासियों ने की है।
वर्शन संबधितों से जल्द से जल्द वसूली की जा रही है। सभी प्रकरणों पर सुनवाई की जा रही है। यदि राशि नहीं दी जाएगी तो संबधिक के खिलाफ एफआइआर भी कराई जाएगी। इच्छित गढ़पाले, जिला पंचायत सीइओ