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सागर

विभागों की आपसी खींचतान में कब्रिस्तान, छात्र सहमे कहा-एेसा नाटक क्यों

नाटक के लिए पत्रकारिता विभाग की जमीन पर बनाई गईं कब्र का मामला

सागरAug 15, 2018 / 12:42 pm

sunil lakhera

Cemetery in the Department of Journalism Tension in student departments

Cemetery in the Department of Journalism Tension in student departments

सागर. केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की फेंसिंग में अनुपयोगी जगह पर नाटक के लिए तैयार की गई कब्रों के विरोध के मुद्दे को परफॉॢमंग ऑर्ट विभाग के विद्यार्थियों ने अनावश्यक बताया है। मामला सामने आने के दूसरे दिन मंगलवार को विद्यार्थियों का कहना था कि विभागों की आपसी खींचतान के कारण इस मामले को बेवजह खींचा गया है, जिस जगह पर नाटक के सेट के लिए कब्र तैयार की गई हैं वो पूरी तरह अनुपयोगी और घास-झाडि़यों से भरी थी, जिसे उन्होंने ही साफ किया था, तब उन्हें नहीं रोका गया। फेंसिंग तोडऩे के मामले को भी परफॉॢमंग ऑर्ट के विद्यार्थियों ने बेबुनियाद बताया है।
परफॉर्मिंग आर्ट विभाग के छात्रों द्वारा नाटक ‘मकबरे का रखवालाÓ का मंचन माह के अंत में होना है। इसी के लिए विद्यार्थियों द्वारा अपने विभाग के मैदान पर जगह न होने की वजह से पत्रकारिता विभाग की अनुपयोगी जगह पर नाटक के सेट के रूप में कब्रगाह तैयार किया था। करीब एक सप्ताह से विद्यार्थी सेट तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे। इस दौरान उन्हें पत्रकारिता विभाग द्वारा न तो रोका गया न ही आपत्ति दर्ज कराई गई। जब सोमवार को कब्रगाह का सेट पूरा तैयार हो गया तब अचानक ही विभाग की ओर से उन्हें रोक दिया गया। कब्रों को लेकर भी आपत्ति जताई गई।
मंगलवार को विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में परफॉॢमंग विभाग की स्थिति को लेकर चिंता जताई। उनका कहना था कब्र के रूप में तैयार किया सेट अस्थाई है, लेकिन जिस तरह से आरोप लगाए गए हैं वे मनोबल तोडऩे वाले हैं। उन्होंने प्राध्यापक से अनुमति के बाद ही सेट तैयार किया था, क्योंकि विभाग के सामने जमीन पर पर्याप्त जगह नहीं थी। वैसे भी फाइन ऑर्ट, परफॉॢमंग आर्ट और पत्रकारिता विभाग के प्रमुख इस समय एक ही हैं, इसलिए भी इस मामले में विरोध को विद्यार्थी पचा नहीं पा रहे हैं। उनका कहना था कि जिस फेंसिंग को तोडऩे की बात कही जा रही है, वहां मंच का निर्माण चल रहा है और उसी के मलबे के नीचे आधी फेंसिंग पहले से दबी है। एेसे में छात्रों को फेंसिंग को तोडऩे की जरूरत ही नहीं है।

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