हादसों के बाद भी नहीं लिया जा रहा सबक
सागर•Jul 01, 2019 / 09:27 pm•
sachendra tiwari
Children reaching school in an unsafe manner
बीना. स्कूल खुलते ही बच्चों की सुरक्षा के साथ फिर खिलवाड़ शुरू हो गया है, लेकिन इस अभिभावक और पुलिस ध्यान नहीं दे रही है। जबकि पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं। यदि इसी तरह की लापरवाही रही तो आगे भी हादसों की आशंका बनी हुई है।
स्कूली बच्चों को ले जाने वाले ऑटो चालकों द्वारा मनमानी से क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाया जा रहा है। ऑटो की सीटों पर तो बच्चे ज्यादा संख्या में बैठाए ही जाते हैं, ऑटो में पीछे सामान रखने वाली जगह पर भी बच्चों को बैठा दिया जाता है। जिससे बच्चों के गिरने का खतरा भी बना रहता है। यदि पीछे से कोई वाहन हल्की सी टक्कर भी मार दे तो पैरों में गंभीर चोटें आ सकती हैं। यह ओवरलोड ऑटो पुलिस के सामने से गुजरते हैं, लेकिन इनपर कार्रवाई नहीं होती है। हादसा होने के बाद ही पुलिस को कार्रवाई करती है।
एलपीजी से दौड़ रहीं स्कूल वैन
शहर में दौड़ रही कई वैन एलपीजी से चलाई जा रही हैं। यह स्कूली बच्चों के लिए सबसे खतरनाक है। शहर में कई जगह अवैध रुप से गैस रिफलिंग का कार्य चल रहा है जो कुछ रुपयों के चक्कर में यह कार्य करते हैं। शहर के बीचों-बीच गैस रिफलिंग होने से आग लगने का भी खतरा बना रहता है। कुछ वर्षों पूर्व हुई कार्रवाई में तत्कालीन एसडीएम ने करीब 12 वैन गैस से चलते हुए पकड़ी थीं।
वाहनों की फिटनेस की नहीं हो रही जांच
स्कूली वाहनों की आरटीओ द्वारा भी जांच नहीं की जाती है। जिससे वाहनों की फिटनेस का भी कुछ पता नहीं है। अनफिट वाहन स्कूल में बच्चों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं। पुरानी स्कूली बसें भी सड़कों पर दौड़ रही हैं।
नाबालिग दौड़ा रहे वाहन
अभिभावक भी बच्चों को स्वयं खतरे में डाल रहे हैं और कम उम्र में ही उन्हें बाइक दे दी है, जिससे वह स्कूल जाते हैं। बाइक में अकेले ही नहीं तीन-तीन बच्चे बैठकर स्कूल जा रहे हैं। इस ओर अभिभावक और स्कूल प्रबंधन को भी जागरूक होने की जरूरत है।
जांच अभियान कराएंगे शुरू
शीघ्र ही स्कूली वाहनों की जांच शुरू कराएंगे। कमियां पाए जाने पर चालान किया जाएगा।
अनिल मौर्य, थाना प्रभारी, बीना