राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष
सागर•Aug 28, 2019 / 09:29 pm•
sachendra tiwari
City sports ground not playable
बीना. शहर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन उनके लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। यहां तक कि खेल मैदान तक नहीं है और जो मैदान हैं वह उपेक्षा के शिकार हैं जो खेलने लायक भी नहीं है। जबकि रेलवे के आरपीएफ ग्राउंड से खेलकर पहले नेशनल खिलाड़ी तक निकले हैं, लेकिन रेलवे द्वारा अब इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
शहर का सबसे बड़ा ग्राउंड आरपीएफ ग्राउंड है, जहां से हॉकी, क्रिकेट के कई नेशनल प्लेयर निकल चुके हैं। इसके बाद भी इस ग्राउंड को तैयार नहीं किया जा रहा है। आज हालत यह है कि कई जगह से बाउंड्रीवॉल टूटी पड़ी है, जिससे मवेशी ग्राउंड को खराब कर रहे हैं। ग्राउंड में अंदर घास उग आया है और कीचड़ हो गया है। इस ग्राउंड में बैठने के लिए डली बेंचें टूटी पड़ी है, जिससे बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। यहां खिलाड़ी अभ्यास करने तो पहुंचते हैं, लेकिन मैदान खराब होने कारण वापस लौटना पड़ता है।
नगरपालिका का स्टेडियम नहीं खेलने लायक
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में लाखों की लागत से बने स्टेडियम का भी कुछ यही हाल है। यहां स्टेडियम तो तैयार कर दिया गया है, लेकिन यह खेलने लायक नहीं है। यहां बड़ी-बड़ी घास लगी हुई है और पूरा ग्राउंड गड्ढों में तब्दील हो गया है। स्टेडियम के बीच से वाहन निकलते हैं।
ग्राउंड अच्छे होंगे तो निकलेंगे खिलाड़ी
शहर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, लेकिन उनके लिए सुविधाओं का होना जरूरी है। सबसे पहली जरूरत अच्छे खेल मैदान की है जो शहर में नहीं हैं। यदि खेल मैदान अच्छे होंगे तो खेल प्रतिभाएं सामने आएंगी।
मदन यादव, रणजी खिलाड़ी
खेलने लायक नहीं है ग्राउंड
आरपीएफ ग्राउंड हॉकी खेलने लायक नहीं हैं। ग्राउंड में नर्मदा सेंट डली होना चाहिए, लेकिन उसमें मुरम डाली गई है। ग्राउंड खराब होने के कारण वहां अभ्यास करने वाले खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं। यदि खेल मैदान सही हो जाए तो कई हॉकी खिलाड़ी सामने आएंगे।
वाल्टर जोसफ, हॉकी खिलाड़ी
नगर में खेल मैदान तो हैं मगर उनकी स्थिति इतनी ठीक नहीं है। आरपीएफ मैदान ने सैकड़ों खिलाड़ी दिए मगर मैदान आज भी उपेक्षित है। खेल सुविधाएं मिलना जरूरी हैं, जिससे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नगर देश प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।
अनुराग चंदेल, टेबिल टेनिस, एथलिट खिलाड़ी