एमपीयूडीसी के इंजीनियर्स की भूमिका संदिग्ध
वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग करने के लिए शासन ने मप्र अर्बन डवलपमेंट कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी है। यहां पर आधा दर्जन इंजीनियर्स व अन्य अधिकारियों की टीम है जो प्रतिमाह 4 से 5 लाख रुपए का वेतन ले रहे हैं लेकिन मॉनीटरिंग के नाम पर हमेशा कार्यालय में ही डेरा जमाए रहते हैं। सूत्रों की माने तो प्रोजेक्ट साइट्स पर एमपीयूडीसी के अधिकारी बहुत कम जाते हैं और यही वजह है कि यहां पर अव्यवस्थाएं देखने को मिल रहीं हैं।
इधर सीवर का दस दिनों से बंद है काम
होली पर्व के पूर्व से शहर में सीवर नेटवर्क बिछाए जाने का काम बंद है। बताया जा रहा है कि लेवर बाहर से आई है जो त्योहार मनाने के लिए वापस चली गई थी। जल्द ही काम दोबारा शुरू होगा। सीवर एजेंसी निर्धारित समय में प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाई है और एक्सटेंशन वाला समय भी बीत चुका है।