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रोज १० हजार यात्रियों को नहीं भागना होगा ट्रेन पकडऩे सागर, मकरोनिया स्टेशन पर मिलेगी ट्रेनें

-पश्चिम मध्य रेलवे ने आबादी के हिसाब से मकरोनिया स्टेशन को सेटेलाइट की तर्ज पर बनाने कर रही विचार, ७ महीने पहले जीएम ने की थी घोषणा।

सागरOct 12, 2019 / 09:31 pm

आकाश तिवारी

रोज १० हजार यात्रियों को नहीं भागना होगा ट्रेन पकडऩे सागर, मकरोनिया स्टेशन पर मिलेगी ट्रेनें

रोज १० हजार यात्रियों को नहीं भागना होगा ट्रेन पकडऩे सागर, मकरोनिया स्टेशन पर मिलेगी ट्रेनें

सागर. जबलपुर के मदन महल स्टेशन की तरह मकरोनिया स्टेशन को भी सेटेलाइट स्टेशन की तर्ज पर डेवलप किया जाएगा। एक लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र में यदि यह सौगात मिलती है तो निश्चित रूप से प्रतिदिन सागर स्टेशन की ओर ट्रेन पकडऩे के लिए दौड़ भाग करने वाले १० हजार यात्रियों को राहत मिल सकेगी। स्टेशन पर ही सुपरफास्ट एक्सप्रेस का स्टॉपेज होगा। बता दें कि सेटेलाइट स्टेशन न होने से अभी यहां पर मात्र पैसेंजर ट्रेन ही रुकती हैं। वहीं, सिर्फ राज्यरानी एक्सप्रेस का स्टॉपेज दिया गया है। सबसे ज्यादा परेशानी रात के वक्त ट्रेन न मिलने से यहां के लोगों को उठानी पड़ रही है। रात के वक्त एक भी ट्रेन इस स्टेशन पर नहीं रुकती। इस वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करके सागर स्टेशन पहुंचना पड़ता है।
-जीएम ने की थी घोषणा
फरवरी महीने में सागर स्टेशन का निरीक्षण करने आए जीएम अजय विजयवर्गीय ने मकरोनिया स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाए जाने की घोषणा की थी। इस दौरान उन्होंने सागर स्टेशन के शेड की ऊंचाई बढ़ाने की भी बात कही थी। रेलवे अफसरों के अनुसार तीसरी लाइन का काम पूरा होने के बाद सेटेलाइट स्टेशन पर काम शुरू होगा। शहरी क्षेत्र की जनसंख्या का सर्वे के लिए जबलपुर की टीम भी सागर आएगी। टीम स्टेशन का भी निरीक्षण करेगी।
-३४ ट्रेनें, सिर्फ ५ का है स्टॉपेज
कटनी-बीना खंड पर प्रतिदिन ३४ ट्रेने गुजरती हैं। सागर स्टेशन पर लगभग सभी ट्रेनों का स्टॉपेज है, लेकिन मकरोनिया स्टेशन पर मात्र ५ ट्रेन ही रुकती हैं। इनमें से ४ पैसेंजर ट्रेन हैं। राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन का यहां पर स्टॉपेज दिया गया है। यात्रियों की माने तो मकरोनिया स्टेशन पर रात के वक्त एक भी ट्रेन नहीं रुकती है। इस वजह से यात्रियों को सागर स्टेशन से ट्रेन पकडऩा पड़ती है। वहीं, रात में ऑटो चालक मनमाने दाम वसूलते हैं।
-दो विकल्प होंगे लोगों के पास
अभी एक्सप्रेस टे्रन पकडऩे के लिए यात्रियों के पास एक मात्र विकल्प सागर स्टेशन ही है। सेटेलाइट स्टेशन बनने के बाद यात्रियों के पास दो विकल्प हो जाएंगे। पेपर देने सागर आने वाले विद्यार्थियों को भी परेशानी नहीं होगी। क्योंकि अधिकांश सेंटर मकरोनिया के पास बने कॉलेजों में दिए जाते हैं। एेसे में पेपर देने के बाद विद्यार्थियों को मकरोनिया स्टेशन से ट्रेन मिल जाएगी।
-इन ट्रेनों के स्टॉपेज से मिलेगी राहत
वर्तमान में जबलपुर निजामुद्दीन, कामायनी, उत्कल, मप्र संपर्क क्रांति और शिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन के स्टॉपेज मकरोनिया स्टेशन पर नहीं है। यह सभी ट्रेने रात के वक्त होती हैं। यदि जबलपुर मंडल मकरोनिया स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बना देता है तो यह ट्रेने मकरोनिया में रुकने लगेंगी और लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
-यह है फायदा
मकरोनिया से लोगों को सागर नहीं आना पड़ेगा।
सागर में ट्रेफिक का दबाव कम होगा।
१० हजार लोगों को मिलेगा फायदा।
लोगों को मिलेगा रोजगार


मकरोनिया की आबादी के आधार पर स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन बनाया जा सकता है। यह काम थर्ड लाइन का काम पूरा होने के बाद होगा। तीसरी लाइन के निर्माण के दौरान स्टेशन पर नए काम कराए जाएंगे। इसमें एफओबी निर्माण निश्चित रूप से होगा।
डॉ. मनोज सिंह, डीआरएम जबलपुर

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