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डे-बोर्डिंग की मंजूरी मिली तो ४ खेलों के फिरेंगे दिन, खेल अकादमियों में शामिल होंगे खिलाड़ी

-खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने वालीबॉली, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स और ताइक्वांडो खेल के लिए डे-बोर्डिंग का भेजा प्रस्तावएक्सक्लूसिव

सागरOct 12, 2019 / 09:41 pm

आकाश तिवारी

डे-बोर्डिंग की मंजूरी मिली तो ४ खेलों के फिरेंगे दिन, खेल अकादमियों में शामिल होंगे खिलाड़ी

डे-बोर्डिंग की मंजूरी मिली तो ४ खेलों के फिरेंगे दिन, खेल अकादमियों में शामिल होंगे खिलाड़ी

सागर. खेल परिसर में ४ खेलों के लिए डे-बोर्डिंग जल्द शुरू हो सकती है। इसका प्रपोजल बनाकर भेजा भी गया है। १५ अक्टूबर को संभवत: इसकी अनुमति भी मिल सकती है। अभी शहर में सिर्फ हॉकी के खिलाडि़यों को उभारने के लिए डे बोर्डिंग की सुविधा है। दो साल से चल रही इस डे-बोर्डिंग के खिलाड़ी नेश्नल स्तर पर हुई प्रतियोगिताओं में चयनित हो चुके हैं। यदि ४ खेलों के लिए डे-बोर्डिंग की मंजूरी खेल विभाग दे देता है तो निश्चित रूप से इन खेलों से जुड़े खिलाड़ी बेहतर प्रशिक्षण से अपनी प्रतिभा दिखा पाएंगे। वहीं, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर आदि जगहों पर चल रही खेल अकादमियों में चयनित होने का उन्हें अवसर भी मिल सकेगा।
-इन खेलों का भेजा है प्रस्ताव

खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा वालीबॉल, बास्केट बॉल, ताइक्वांडो और एथलेटिक्स खेल के लिए डे-बोर्डिंग की मांग की गई है। १५ दिन पहले जिला खेल अधिकारी राजेंद्र कोष्टा ने खेल विभाग को प्रपोजल बनाकर भेजा गया था। १५ अक्टूबर को भोपाल में एक बैठक आयोजित की गई है, जहां इस प्रस्ताव पर मंजूरी की मुहर लगने की उम्मीद है।
-४ खेलों के लिए चुने जाएंगे ४८ खिलाड़ी

इन खेलों के लिए डे-बोर्डिंग की मंजूरी मिलती है तो खेल परिसर में इन खेलों के लिए खिलाडि़यों का चयन किया जाएगा। जानकारी के अनुसार एक खेल के लिए संभवत: ४८ खिलाड़ी चुने जाएंगे। एक टीम में २४ बालक और दूसरी टीम में २४ बालिकाएं होंगी। ६ साल से १७ साल तक के बच्चे इसके लिए चुने जाएंगे।
-खेल अकादमियों में शामिल होने का बेहतर अवसर

बताया जाता है कि डे-बोर्डिंग का उद्देश्य खिलाडि़यों को तैयार करना होता है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी खेल अकादमी के लिए चुने जाते हैं। हर साल प्रदेश के डे-बोर्डिंग खेलों के बीच प्रतियोगिताएं होती हैं। उनमें जो खिलाड़ी अच्छा खेलता है तो उसे खेल अकादमी के लिए चुना जाता है। जहां उसके रहने खाने और प्रशिक्षण की सुविधा मुफ्त दी जाती है।

-बहुत जरूरत है
खेल परिसर में अभी बॉस्केट बॉल के ८० खिलाड़ी प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं। लेकिन डे-बोर्डिंग न होने से उन्हें अनुशासन में रख पाना मुश्किल होता है। डे-बोर्डिंग होने से उन्हें किटें और तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। इससे उनको अनुशासन में भी रखा जा सकता है। नियमित अभ्यास से खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को बेहतर कर पाएंगे।

प्रेमनेती राय, कोच खेल परिसर

-खिलाडि़यों के लिए फायदा होगा
एेथेलेटिक्स खेल के प्रति खिलाडि़यों को रुझान बढ़ रहा है। लेकिन खेल सुविधाएं न मिलने से खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। डे-बोर्डिंग शुरू होने से एथलेटिक्स खेल को बढ़ावा तो मिलेगा ही। साथ ही खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।

मंगल सिंह, कोच खेल परिसर

-हॉकी डे-बोर्डिंग का प्रदर्शन
बालक वर्ग में १५ खिलाड़ी राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में खेल चुके हैं।

बालिका वर्ग में भैंसा नाका प्राथमिक शासकीय स्कूल की 11 बालिकाएं राज्य स्तरीय टूर्नामेंट चुनी गई थीं।
डे-बोर्डिंग का एकमात्र खिलाड़ी शोएब खान नेशनल हॉकी टूर्नामेंट में खेला है।

वर्जन

हॉकी के लिए डे-बोर्डिंग शुरू होने से स्कूली बच्चे सामने आने लगे हैं। हालांकि एस्टोटर्फ न होने से खेल अकादमी में अभी तक एक बच्चे का चयन नहीं हो सका है, लेकिन फिर सागर में जूनियर और सीनियर खिलाड़ी मिलने लगे हैं। एस्ट्रोटर्फ बन जाता है तो हॉकी का सागर में उज्जवल भविष्य होगा।
मकसूद खान, जिला हॉकी संघ

मंजूरी मिलने की उम्मीद

४ खेलों के संबंध में प्रपोजल भेजा है। १५ अक्टूबर को स्थिति साफ हो जाएगी। जहां तक मुझे उम्मीद है कि खेल विभाग इन खेलों के लिए डे-बोर्डिंग की अनुमति दे सकता है।

राजेंद्र कोष्टा, जिला अधिकारी

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