बंद होगा अस्थाई गेट
मर्जर के दौरान बीएमसी की बाउंड्री तोड़कर अस्थाई गेट बनाया गया था। हालांकि यह व्यवस्था गायनी विभाग के लिए बनाई गई थी, लेकिन मर्जर के बाद गायनी विभाग जिला अस्पताल में चला गया था। वर्तमान में यह रास्ता परेशानी का सबब बना हुआ है। आवारा मवेशियों का दखल इसी गेट से बढ़ रहा है। मर्जर समाप्त होने की घोषणा के साथ ही इसे बंद करने की बात शुरू हो गई है।
पुलिस चौकी में दिखेगी चहल-पहल
जिला अस्पताल की पुलिस चौकी सात महीने से बंद है।डी-मर्जर होने पर अस्पताल की केज्युल्टी वापस शुरू होगी। हालांकि अभी यह तय नहीं हो पा रहा है कि दोनों जगहों के डॉक्टर एमएलसी करेंगे या नहीं। यदि एेसा हुआ तो बीएमसी में चौकी यथावत होगी। यह व्यवस्था पुलिस बल की संख्या पर भी निर्भर करता है।
नहीं कहलाएगा मातृ एवं शिशु अस्पताल
म र्जर के बाद जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक्स और गायनी विभाग संचालित हो रहे थे। प्रशासन ने अस्पताल का नाम भी बदल दिया था। वर्तमान में इस अस्पताल का नाम मातृ एवं शिशु अस्पताल है। मर्जर समाप्त होने के बाद अब फिर से यह जिला अस्पताल कहलाएगा।
वर्तमान में ओपीडी
जिला अस्पताल
गायनी विभाग 200
पीडियाट्रिक्स 150
पहले 1200 से 1500
बीएमसी
सर्जरी 350
मेडिसिन 600
अस्थि 500
अन्य 200
पहले 600 से 650