यहां उदासीनता
– अब तक स्वयं के जलस्त्रोत पर नहीं हुआ काम, अभी भी नगर निगम के भरोसे जलापूर्ति।
– क्षेत्र में अवैध कॉलोनी व अवैध कॉम्पलेक्स का निर्माण जोरों पर, नपा ने जानकारी होने के बाद केवल नोटिस जारी कर पीछे खींचे हाथ।
– सालों से चल रही कचरा डंपिंग ग्राउंड की प्रक्रिया के बाद जमीन आवंटित, लेकिन फिर भी रहवासी क्षेत्र में ही जारी अस्थाई कचरा डंपिंग का काम।
– क्षेत्र में बढ़ रहे अतिक्रमण पर पाबंदी लगाने में नपा प्रबंधन फेल, अब तक रणनीति भी नहीं तैयार।
इन प्रोजेक्ट के लिए जारी हुई राशि
ऑडिटोरियम: लागत पांच करोड़ रुपए, राशि आवंटित, संचलानालय से २८ मई २०१६ में स्वीकृति मिलने के बाद १५ माह बाद सितंबर २०१७ में जमीन आवंटन का मामला रखा परिषद में, अब तक नहीं हो सका आवंटन।
स्टेडियम: लागत आठ करोड़ रुपए, राशि आवंटित, जिसके लिए गंभीरिया में जमीन चिन्हित लेकिन आवंटन अभी तक नहीं हो सका।
नपा कार्यालय भवन: लागत दो करोड़ रुपए, राशि भी आवंटित, २८ मई २०१६ में स्वीकृति जमीन आवंटन के लिए १५ माह बाद परिषद में रखा प्रस्ताव, जमीन अभी तक
नहीं मिल सकी।
पांच सुलभ कॉप्लेक्स: लागत ७२.७५ लाख रुपए, राशि आवंटित, ५ मार्च २०१६ को स्वीकृति मिलने के बाद अब तक केवल का पूर्ण हो सका निर्माण, एक का निर्माण जारी, एक का भूमिपूजन और दो के लिए चिन्हित जगह से नही ंहटा सके अतिक्रमण।
सौंदर्यीकरण: क्षेत्र में सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ रुपए स्वीकृत हैं, जिसमें से केवल डॉ. सर हरिसिंह गौर द्वार का काम हो सका है।
हाउसिंग बोर्ड: डेढ़ साल पहले नपा को हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनी ६.७५ करोड़ की राशि के साथ हैंडओवर हुई थी। इसके बाद डीपीआर में तीन बार बदलाव, फिर भी दूर नहीं कर सके खामियां, काम अब तक एक रुपए का भी नहीं।